अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रकाश जावड़ेकर ने बड़े एलान किए। दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में निर्मला सीतारमण और जावड़ेकर की प्रेस कांफ्रेस की, जहां रेलवे कर्मचारियों को बोनस का तोहफा दिया और ई-सिगरेट पर बैन लगाने का एलान किया गया।
रेलवे कर्मचारियों के लिए बोनस का एलान
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेलवे कर्मचारियों को उत्पादकता बोनस के तौर पर 78 दिन का वेतन देने का बुधवार को फैसला किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस बारे में फैसला किया गया।
बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि आज प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन का उत्पादकता बोनस देने का फैसला किया गया।
उन्होंने बताया कि इस निर्णय से रेलवे के 11.52 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। यह लगातार छठा वर्ष है जब रेलवे कर्मियों को 78 दिन का बोनस दिया जा रहा है । इस निर्णय से 2024 करोड़ रुपये का बजटीय प्रभाव पड़ेगा।
जावड़ेकर ने कहा कि इस निर्णय से रेलवे के कर्मचारी प्रोत्साहित होंगे और पूरी ताकत लगाकर काम करेंगे। रेलवे देश की जीवन रेखा है और इस दृष्टि से यह निर्णय महत्वपूर्ण है।
जावड़ेकर ने कहा कि इस निर्णय से रेलवे के कर्मचारी प्रोत्साहित होंगे और पूरी ताकत लगाकर काम करेंगे। रेलवे देश की जीवन रेखा है और इस दृष्टि से यह निर्णय महत्वपूर्ण है ।
ई-सिगरेट पर प्रतिबंध
प्रेस कांफ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ईलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पर पूरी तरह से बैन लगाने का एलान किया। यानी अब भारत में ई-सिगरेट का उत्पादन सहित उसका आया-निर्यात भी नहीं होगा। कैबिनेट ने ई-सिगरेट के आया-निर्यात, प्रोडक्शन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ई-सिगरेट के प्रोमोशन पर भी सरकार द्वारा रोक लगाई गई है। हाल ही में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) द्वारा Prohibition of E Cigerettes Ordinance2019 को जांचा गया था। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) ने इसमें मामूली बदलाव का सुझाव दिया था। अब सरकार ने इसे बैन कर दिया है।
ई-सिगरेट का सेवन करने से हार्ट अटैक से होने वाला खतरा 56 फीसदी तक बढ़ जाता है।
इतना लगेगा जुर्माना
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि नियमों का उल्लंघन करने पर इसमें सजा का भी प्रावधान है। पहली बार गुनाह पर एक साल की सजा या एक लाख रुपये का जुर्माना या दोनों है। जबकि बार बार गुनाह करने पर सजा तीन वर्ष होगी या पांच लाख रुपये का जुर्माना या दोनों लगाये जा सकते हैं।