पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में राज्य में अल्प वर्षापात के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की. समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से संभावित सुखाड़ की स्थिति को लेकर विस्तृत जानकारी ली और किसानों को हर संभव मदद पहुंचाने का निर्देश दिया. बैठक में न तो कृषि मंत्री सुधाकर सिंह मौजूद थे और न हीं आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री शाहनवाज आलम. दोनों मंत्री आरजेडी कोटे से आते हैं. ऐसे जदयू का भी कोई मंत्री मौजूद नहीं था.
35 जिलों में जुलाई में सामान्य से कम बारिश: बैठक में आपदा प्रबंधन सह जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से 1 जून से 17 अगस्त तक वर्षापात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जून माह में सामान्य वर्षापात से 6 प्रतिशत अधिक वर्षापात हुआ जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 182 मिमी कम है. जुलाई माह में वर्षापात का विचलन 60 प्रतिशत है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 123 मिमी कम है. 1 जून से 31 जुलाई की अवधि में 39 प्रतिशत कम वर्षापात हुआ लेकिन 20 जुलाई से पुनः मॉनसून के सक्रिय हो जाने से अधिकांश भागों में वर्षा हुई.
कृषि विभाग के सचिव एन सरवन कुमार ने बताया कि डीजल अनुदान योजना के अंतर्गत 1 लाख 33 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं. जिसमें से 27099 आवेदकों को राशि ट्रांसफर कर दी गयी है. शेष आवेदकों की जांच तेजी से की जा रही है और जल्द ही उनके खाते में राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि जितने क्षेत्रों में धान की रोपनी हुई है उसके बचाव के लिए किसानों को सिंचाई के साधन उपलब्ध कराएं, जो किसान अल्प वर्षापात के कारण खेती नहीं कर पाये हैं, उनकी मदद करनी होगी. वैकल्पिक फसल योजना के तहत इच्छुक किसानों को जल्द-से-जल्द बीज उपलब्ध कराएं. ताकि, किसानों को कृषि कार्य में राहत मिल सके.