धार के लीकेज वाले कारम डैम से अब तेजी से पानी का बहाव हो रहा है। जिससे खतरा बढ़ गया है। दरअसल रिसाव के बाद डैम को खाली करने के लिए बांध की जिस दीवार को तोड़कर पानी छोड़ा जा रहा था, उसी दीवार का बड़ा हिस्सा पानी के प्रेशर से बह गया। इसके बाद डैम से पानी काफी तेज स्पीड से निकल रहा है। बांध से लगे गांवों के खेतों में पानी घुसने लगा है।
कारम डैम का पानी रोकने के लिए बनाए गए चैनल की मिट्टी ढह गई है। इसके बाद पानी का बहाव तेज हो गया।
डैम के सबसे नजदीकी जहांगीरपुरा और पारसपुरा दोनों गांव कभी भी डूब सकते हैं। अन्य गांवों में भी पानी घुसने की आशंका बढ़ गई है, इधर कुछ गांवों में अभी भी लोग मौजूद है, जिन्हें हटाने के लिए प्रशासन और पुलिस की टीम गांवों में मुनादी करा रही है। लोगों और मवेशियों को हटाया जा रहा है। डैम वाले इलाके में चार किलोमीटर तक आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। किसी को पैदल भी नहीं जाने दिया जा रहा।
बांध का आधा पानी निकला: मंत्री
मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव ने बताया कि बांध का आधा पानी निकल गया है। डैम का पानी नजदीकी गांवों के करीब पहुंचा है, लेकिन अभी किसी गांव के अंदर नहीं घुसा है। रात 12 बजे तक 2 या 3 घंटे में तालाब से 10 से 12 एमक्यूएम पानी निकल जाएगा। इसके बाद खतरा टल जाएगा।
संभागायुक्त पवन शर्मा ने ये कहा
लीकेज वाली वॉल पर कट लगाकर पानी छोड़ने का प्लान किया तो ये अनुमान था कि मिट्टी ढहने से कट बड़ा होगा। पानी तेज बहाव से निकलेगा। इसके लिए पहले से तैयारी थी, हमारा पूरा अमला जुटा हुआ था। उन्होंने ये भी बताया कि एबी रोड पर पुल को पानी ने टच नहीं किया।
महेश्वर-धामनोद मार्ग की पुलिया डूबी
कारम नदी का पानी फैलने से बड़वी नदी में भी उफान आ गया। कारम डैम से करीब 25 किमी दूर बड़वी पुल शाम 7 बजे से डूबना शुरू हो गई। रात 8 बजे तक पुल पर करीब 10 फीट तक पानी आ गया। 100 मीटर लंबे इस पुल के दोनों ओर प्रशासन ने सख्ती से लोगों को हटाकर एक किमी आगे से ही बेरिकेडिंग कर दी। रेस्क्यू टीम के नवीन कुमार ने बताया कि लोगों को तेजी से हटाया जा रहा है। इस रोड पर आवाजाही बंद होने के बाद बड़वाह से धामनोद जाने वाली गाड़ियों को मंडलेश्वर से कसरावद होते हुए धामनोद भेजा जा रहा है।
डैम से तेजी से निकल रही पानी की धाराओं को देखते हुए एबी रोड पर ट्रैफिक दबाव कम किया गया है। धामनोद लिंक रोड बंद कर दिया है। प्रशासन ने ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया है। इससे पहले अफसरों ने हालात के मद्देनजर आधे घंटे में 5 बार हवाई सर्वे भी किया था।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसी को भी गांवों में नहीं जाने की चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री ने प्रशासन को भी अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए है। सीएम ने कहा कि ‘मैं अभी अपने वल्लभ भवन स्थित कंट्रोल रूम में बैठा हूं। मेरे साथ सीएस, एसीएस इरीगेशन डिपार्टमेंट की पूरी टीम बैठी है’।
डैम की वॉल तोड़कर निकाला जा रहा पानी
इससे पहले धार में तीन दिन से सुर्खियों में बने कारम डैम की वॉल पर आखिरकार शासन-प्रशासन ने JCB चला दी थी। 50 घंटे की मशक्कत के बाद भी जब डैम को बचाने की कोशिशें नाकाम नजर आईं, ताे इसकी दीवार को तोड़ने का फैसला लिया गया था। शनिवार रात 11.30 बजे वॉल तोड़कर बांध से पानी निकालना शुरू किया गया था। ये पानी आगे जाकर महेश्वर में नर्मदा में गिरेगा। डैम फूटने के डर से धार जिले के 13 और खरगोन जिले के 6 गांवों के लोग पहाड़ों और राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ताजा हालात की जानकारी देते हुए कहा था कि, शनिवार को लगभग 10 क्यूसेक के बहाव को हम आज 30 क्यूसेक तक ले गए हैं। इसको और बढ़ाने के जो उपाय हो सकते हैं, हम उन पर भी विचार कर रहे हैं। हमारी कोशिश जल्द से जल्द बांध का पानी खाली करने की है। डैम साइट पर हमारे तीनों मंत्री तुलसीराम सिलावट, राज्यवर्द्धन सिंह दत्तीगांव और प्रभुराम चौधरी मौजूद हैं।
चैनल को धीरे-धीरे गहरा और चौड़ा करेंगे
उधर संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने बताया था कि कारम डैम के पानी की सुरक्षित तरीके से निकासी की व्यवस्था की गई है। इसके लिए जो चैनल बनाई गई है, उसके संबंध में हमारी कोशिश है कि धीरे-धीरे उसे और गहरा और चौड़ा करें, ताकि पानी की निकासी ज्यादा तेजी से हो और लोगों को वापस अपने घरों में पहुंचाया जा सके।
आगे उन्होंने कहा- अस्थाई कैंप में लोगों के रहने, खाने की व्यवस्था की गई है। साथ ही सीनियर अफसरों को भी वहां तैनात किया गया है। इसी तरह पशुओं के शेल्टर की भी व्यवस्था की है। जिसमें पानी व चारे का इंतजाम है। इसी तरह हाईवे पर भी पर्याप्त टीम जुटी हुई है। कारम डैम में जहां से अभी पानी की निकासी हो रही है, हम कोशिश करेंगे कि ज्यादा मशीनें लगाकर काम और तेजी से करा लें।