मुंबई: महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार के चौथे दिन ही शिंदे गुट में बगावत शुरू हो गई है। संभाजीनगर पश्चिम से विधायक संजय शिरसाट ने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने के बाद उद्धव ठाकरे की तारीफ की है। शिरसाट मुख्यमंत्री शिंदे से नाराज बताए जा रहे हैं। संजय शिरसाट ने ट्वीट करते हुए शिवसेना को परिवार और उद्धव ठाकरे को परिवार का प्रमुख बताया है। हालांकि, शिरसाट ने अपना यह ट्वीट 10 मिनट के भीतर ही डिलीट कर दिया, फिर सफाई देते हुए कहा कि तकनीक वजह से ऐसा ट्वीट हुआ।
महाराष्ट्र में सियासी गतिरोध को 2 पॉइंट में समझिए…
महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार के 96 घंटे बाद भी मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नहीं हो पाया है। राजस्व और शिक्षा जैसे विभागों को लेकर पेंच फंसा हुआ है।
शिंदे गुट के 16 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। अगर कोर्ट ने पक्ष में फैसला नहीं दिया, तो सरकार गिर सकती है।
मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया, नाराजगी स्वभाविक
संजय शिरसाट ने ट्वीट करने के बाद मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, ‘मैं 38 साल से राजनीति में हूं और तीन बार विधायक रहा हूं। ऐसे में मंत्री नहीं बनाया गया, तो नाराजगी स्वभाविक है। मुख्यमंत्री शिंदे ने मुझे भरोसा दिलाया है, इसलिए इन बातों को यहीं पर खत्म कर रहा हूं।’ शिरसाट ने कहा कि मातोश्री के लिए अब भी सम्मान है। हमने उद्धव ठाकरे से कहा था कि आप पार्टी संभालिए और मुख्यमंत्री का पद किसी और को दे दीजिए।
उद्धव को चिट्ठी लिखकर सुर्खियों में आए थे शिरसाट
शिवसेना में बगावत के वक्त संजय शिरसाट उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर सुर्खियों में आए थे। शिरसाट ने लेटर में लिखा था कि वर्षा (CM हाउस) हम विधायकों के लिए डेढ़ साल से बंद था। हमारी समस्याओं को एकनाथ शिंदे ही सुनते थे। इसलिए हम उनके साथ हैं।
संजय शिरसाट के इस लेटर को एकनाथ शिंदे ने 23 जून को ट्वीट किया था।
शिंदे कैबिनेट में शिवसेना के 9 मंत्री बने
महाराष्ट्र में 9 अगस्त को हुए कैबिनेट विस्तार में 50-50 फॉर्मूले के तहत भाजपा और शिवसेना के 9-9 विधायक मंत्री बनाए गए थे। शिवसेना से गुलाबराव पाटील, दादा भुसे, संजय राठोड, संदीपान भुमरे, उदय सामंत, तानाजी सावंत, शंभुराज देसाई, अब्दुल सत्तार और दीपक केसरकर मंत्री बने थे।
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 20 जून को शिवसेना के 15 विधायक मुंबई से सूरत चले गए थे। बाद में ये सभी विधायक गुवाहाटी पहुंचे, जहां इनकी संख्या लगातार बढ़ती गई। 28 जून को 29 विधायकों की लिस्ट शिंदे गुट ने जारी की, जिसके बाद फ्लोर टेस्ट से पहले उद्धव ने CM की कुर्सी छोड़ दी। भाजपा के समर्थन से 30 जून को एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने थे।