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भोपाल। 304.44 करोड़ की लागत से धार की कारम नदी पर बनाए जा रहे डैम का काम पिछले 4 सालों से चल रहा है. बताया जा रहा है धार जिले में बीते रोज जमकर बारिश होने से बड़ी मात्रा में बारिश का पानी बांध में पहुंचा और बांध पानी के दवाब को पूरी तरह से झेल नहीं पाया. इसके चलते गुरूवार शाम पहले बांध के एक तरफ से पानी का लीकेज और मिट्टी बहना शुरू हुई. इसकी खबर लगते ही आला अधिकारियों को इसकी सूचना देकर इसे दुरूस्त करने का अभियान शुरू किया गया.
मंत्री बोले 3 दिन में कराई जाएगी जांच: जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट के मुताबिक बारिश ज्यादा होने के बाद बड़ी मात्रा में पानी बांध में पहुंचने से ऐसे हालात बने हैं. उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि, यह एक गंभीर मामला है. मामले की जांच कराई जा रही है. इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है, जो 3 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी. इसमें अधिकारी से लेकर ठेकेदार तक जिसकी भी लापरवाही पाई जाएगी उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
नहर बनाकर निकाला जा रहा पानी: देर रात तक इसके ठीक कर लिया गया. अधिकारी राहत की सांस ले पाते उसके पहले ही शुक्रवार सुबह बांध के दूसरी तरफ से पानी का रिसाव शुरू हो गया. बांध पर पानी के दवाब को कम करने के लिए डैम का पानी खाली किया जा रहा है. बॉल्ब खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है. साथ ही एक नहर बनाकर भी पानी निकाला जा रहा है. आला अधिकारियों के मुताबिक डैम में जितना पानी आ रहा है, उससे ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है.
आर्मी की एक कंपनी अलर्ट मोड पर: गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने बताया कि ऐहतियात के तौर पर धार जिले के 12 गांव और खरगोन के 6 गांवों को खाली कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ धार और इंदौर की टीम तैनात की गई है. एयरफोर्स के दो हेलीकॉप्टर और आर्मी की एक कंपनी को स्टेंड बाय पर रखा गया है. लिहाजा सरकार ने फैसला किया है कि अब बांध के वॉल्व को खोल दिया जाए. साथ ही मौके पर और आस पास के गांव में कोई हादसा होने पर लोगों को बचाने के लिए हेलिकॉप्टर और एयरफोर्स की टीम को हाई अलर्ट पर रखा गया है. NDRF की टीम और SDERF धार को लोगों के राहत और बचाव के लिए लगाया गया है. आर्मी की 1 कंपनी स्टैंडबाय पर है.