नई दिल्ली: देश के मध्य हिस्सों में अगले दो दिनों तक एक्टिव मॉनसून की स्थिति जारी रहने की संभावना है. पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आज से पांच दिनों तक (14 अगस्त) गरज के साथ भारी बारिश का अलर्ट है, जबकि पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात, विदर्भ और मध्य महाराष्ट्र में आज और कल भारी बारिश का अलर्ट है. इसके अलावा, कोंकण, गोवा में 10 से 13 अगस्त तक तेज बरसात होगी. वहीं, मराठवाड़ा में आज तेज बारिश की संभावना जताई गई है.
मौसम विभाग के अनुसार, कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और सौराष्ट्र में आज बहुत भारी बारिश होगी. इसके अलावा, गुजरात के इलाकों में आज और कल बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है. इसके अलावा, पश्चिम बंगाल और झारखंड में 11 से 14 अगस्त तक तेज बारिश का अलर्ट है. ओडिशा में भी 14 अगस्त तक बारिश होगी. अरुणाचल प्रदेश में 13 अगस्त को, असम और मेघालय में 11 से 14 अगस्त तक भारी बारिश होने वाली है. वहीं, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 12 और 14 अगस्त को तेज बारिश होने की संभावना है.
कर्नाटक, तमिलनाडु में भी भारी बारिश : मौसम विभाग के मुताबिक, तमिलनाडु, केरल और माहे में तेज बारिश होने जा रही है. कर्नाटक में 11 अगस्त को भारी बारिश होगी. तेलंगाना की बात करें तो यहां 14 अगस्त को भारी बारिश की संभावना जताई गई है. वहीं, तटीय आंध्र प्रदेश में 13 व 14 अगस्त को भारी बारिश का अलर्ट है. पूर्वी राजस्थान की बात करें तो 11 से 12 अगस्त तक यहां बारिश के आसार हैं. पश्चिमी राजस्थान में 12 और 13 अगस्त को तेज बारिश होगी. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 11 और 14 अगस्त को बहुत बरसात की संभावना है. हरियाणा में 11 अगस्त को तेज बारिश होने जा रही है. पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाकों में 12 से 14 अगस्त के बीच और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 14 अगस्त को तेज बारिश का अलर्ट है.
ओडिशा के ऊपर बना डिप्रेशन पश्चिम उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ गया है और आज शाम साढ़े पांच बजे कमजोर होकर एक गहरे कम दबाव वाले क्षेत्र में बदल गया है. यह छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश के ऊपर है. यह पश्चिम उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ना जारी रखेगा और आज शाम तक धीरे-धीरे कम दबाव के क्षेत्र में कमजोर हो सकता है. मॉनसून की ट्रफ रेखा राजकोट, अहमदाबाद, भोपाल, कम दबाव के केंद्र, चांदबली और फिर दक्षिण-पूर्व की ओर उत्तर अंडमान सागर से गुजर रही है. पूर्व पश्चिम विंडशियर जोन क्षेत्र लगभग 20 डिग्री उत्तर में चल रहा है. गुजरात तट से केरल तट तक अपतटीय ट्रफ बनी हुई है.