मुंबई । मुंबई की अदालत ने सोमवार को पात्रा चाल मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत को 22 अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पिछले गुरुवार को अदालत ने राउत की ईडी हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ाई थी। जबकि ईडी ने शिवसेना नेता से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में उल्लेखनीय प्रगति की थी। ईडी ने तब आठ दिनों के लिए उसकी और हिरासत मांगी थी। दावा किया गया कि राज्यसभा सदस्य राउत को पहले सामने आए 1.06 करोड़ रुपये के अलावा 1.17 करोड़ रुपये अपराध की आय का लाभार्थी पाया गया।
शिवसेना नेता को 1 अगस्त को उपनगरीय गोरेगांव में पात्रा चॉल (पंक्ति मकान) के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने बताया था कि जांच के दौरान जब्त दस्तावेजों से साफ होता हैं, कि राउत द्वारा पड़ोसी रायगढ़ जिले के अलीबाग में संपत्तियों की खरीद में पर्याप्त नकद लेनदेन शामिल था। जांच एजेंसी ने दावा किया था कि राउत की पत्नी वर्षा राउत के बैंक खाते में 1.08 करोड़ रुपये पाए गए। ईडी ने शनिवार को मामले के सिलसिले में वर्षा राउत से नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ कर उनका बयान दर्ज किया।
इसी बीच शिवसेना के मुखपत्र सामना ने संजय राउत का साप्ताहिक कॉलम रोक-ठोक को प्रकाशित किया गया। अब इस कॉलम के छपने के बाद उनकी मुसीबत बढ़ सकती है। ईडी ने इसकी जांच शुरू कर दी है कि जब राउत में हिरासत में हैं, तब उन्होंने सामना का लिए कॉलम कैसे लिखा? बता दें कि मुंबई की एक चॉल के पुनर्विकास में कथित अनियमितताओं से जुड़े एक मामले में ईडी ने रविवार को राउत के घर पर नौ घंटे तक छापेमारी करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अधिकारियों ने कहा कि छापेमारी के दौरान मिली 11.5 लाख रुपये की नकदी को जब्त कर लिया गया है।
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