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भोपाल। मप्र में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में 2021-22 में प्रदेश की 394 स्वास्थ्य संस्थाओं को काया-कल्प अवार्ड दिया जा रहा है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 8 अगस्त को कुशाभाऊ ठाकरे हॉल में चयनित स्वास्थ्य संस्थाओं को काया-कल्प अवार्ड देंगे और मिशन सेहत में 55 करोड़ रूपये की राशि शासकीय संस्थाओं के प्रभारियों को दी जाएगी.
पिछले वर्षों में अवार्ड के लिए चुनी गई इतनी संस्थाएं: प्रदेश में स्वास्थ्य संस्थाओं को काया-कल्प मापदण्ड के अनुरूप विकसित करने की शुरूआत वर्ष 2015 में की गई थी, स्वास्थ्य संस्थाओं को काया-कल्प मापदण्ड के अनुरूप विकसित कर तीन स्तर पर मूल्यांकन कर पुरस्कृत किया जाता है. इसी के तहत 2015-16 में 9, 2016-17 में 65, 2017-18 में 63, 2018-19 में 96, 2019-20 में 269, और 2020-21 में 220 संस्थाओं को पुरस्कृत किया गया था. इसके बाद कोविड-19 महामारी के बावजूद भी वर्ष 2021-22 में 394 स्वास्थ्य संस्थाएं काया-कल्प अवार्ड के लिये चयनित हुईं. काया-कल्प मापदण्ड के मुताबिक संस्था को विकसित करने से संस्था में उच्च स्तर की साफ-सफाई, मरीजों को संक्रमण से बचाव और हॉस्पिटल में होने वाले संक्रमण में बहुत ज्यादा कमी आई है.
इस आधार पर मिलेगा अवार्ड: स्वास्थ्य संस्थाओं में प्रदान की जा रही सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और कर्मचारियों को सतत प्रशिक्षण दिया जा रहा है. नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेण्डर्ड, जैव-अपशिष्ट प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण, पेशेंट सेफ्टी, आंतरिक मूल्यांकन तकनीक, गुणवत्ता प्रबंधन तकनीक और सेवा सूचकांकों के सुधार आदि विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. स्वास्थ्य संस्थाओं में संक्रमण नियंत्रण के उच्च स्तरीय प्रोटोकॉल की कार्य-प्रणाली की उपलब्धता के फलस्वरूप संस्थाओं में कर्मचारी स्वयं कोविड-19 से संक्रमित नहीं हुए और संस्था में भर्ती मरीज भी जल्दी स्वस्थ हुए. इसलिए राज्य शासन द्वारा स्वास्थ्य संस्थाओं को एनक्यूएएस और काया-कल्प मापदण्ड के मुताबिक तैयार किया जा रहा है .
क्या है काया-कल्प कार्य-योजना: प्रदेश के नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण और सम्मानजनक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सभी 52 जिला चिकित्सालय, 119 सिविल अस्पताल, 356 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 1266 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और 10 हजार 287 उप स्वास्थ्य केन्द्रों में समुचित उपचार की व्यवस्था की है. इन सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में उपचार के लिये आने वाले रोगियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए संस्थाओं में इन्फ्रा-स्ट्रक्चर का मेंटेनेंस, उच्च गुणवत्ता के आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता, विभिन्न प्रकार की जांच, परीक्षण, डायलिसिस और कैंसर उपचार आदि की व्यवस्थाएं की जा रही हैं. स्वास्थ्य संस्थाओं में चिकित्सा विशेषज्ञों की कमी दूर करने के लिये टेली-मेडिसिन सुविधाओं का विस्तार और अस्पताल की ओपीडी में आने वाले रोगियों और उनके परिजन की सहायता के लिये हेल्प-डेस्क एवं क्यू मैनेजमेंट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने की कार्य-योजना बनाई गई है.