5जी स्पेक्ट्रम से भारत को होगा कितना फायदा सस्ता होगा इंटरनेट

देश व्यापार

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर कह चुके हैं कि देश ने डिजिटल क्रांति में सबसे आगे होने के कई मौके छोड़ दिए हैं लेकिन हमें 5जी तकनीक से होने वाला बदलावों की बस नहीं छोड़नी चाहिए। 1 अगस्त को पूरी हुई स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रक्रिया में सरकार की अब तक की सबसे ज्यादा 1.5 करोड़ रुपए की कमाई हुई है। इस नीलामी में 2जी, 3जी, 4जी और 5जी सेवाओं के जुड़े स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए रखे गए। नीलामी में देखे गए उत्साह से साफ है कि उद्योग जगत इस तकनीक में निवेश को बिल्कुल भी पीछे नहीं हट रहा है। बल्कि आगे बढ़कर बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है। इसके पहले स्पेक्ट्रम नीलामी का नाम लेते ही 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की याद ताजा हो जाता है। सरकार का दावा है कि न सिर्फ इस स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी रखा गया बल्कि प्राइसिंग का भी खास ख्याल रखा गया है। 2010 में सामने आए 2जी घोटाले में तत्कालीन टेलीकॉम मंत्री ए राजा पर आरोप लगाए गए कि सरकारी नीतियों की वजह से 2जी लाइसेंस सस्ते में दिए गए और इससे 1.75 लाख करोड़ रुपए का घोटाला हुआ। सीएजी के ऑडिट में पता चला था कि स्पेक्ट्रम के प्राइस 2008 के बजाए 2001 के आधार पर तय कर दिए गए थे जिसकी वजह से ये घाटा हुआ। इस बार सरकार को उम्मीद है कि ऐसी कोई गलती नहीं हुई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2012 के 2 जी स्पेक्ट्रम नीलामी में 9,400 करोड़ रुपए, 2013 नीलामी में 61,200 करोड़ रुपए, 2015 में हुए 2जी और 3जी स्पेक्ट्रम नीलामी में 1.09 लाख करोड़ रुपए, 2016 नीलामी में 2जी, 3जी 4जी स्पेक्ट्रम नीलामी से 65,789.12 करोड़ रुपए, 2021 में 2जी, 3जी, 4जी, 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी से 77,814 करोड़ रुपए और 2020 में 2जी, 3जी, 4जी, 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी से 1.5 लाख करोड़ रुपए की कमाई हुई। ताजा नीलामी 40 राउंड चली और लगातार 7 दिनों तक इस प्रक्रिया को अंजाम दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *