लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी और झांसी की गरौठा सीट से दो बार विधायक रह चुके सपा नेता दीपनारायण सिंह यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं. आय से अधिक संपत्ति जुटाने के मामले में पूर्व विधायक दीपनारायण के खिलाफ यूपी सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने FIR दर्ज कराई है.
विजिलेंस के इंस्पेक्टर शंभु तिवारी की पूछताछ में सपा नेता दीप नारायण सिंह यादव कोई जवाब भी नहीं दे पाए. जांच में दीप नारायण को आरोपी मानते हुए भृष्टाचार निवारण अधिनियम (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 13 (1) बी और 13 (2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि मामले में अब आगे की जांच यूपी विजिलेंस की कानपुर सेक्टर यूनिट करेगी.
अवैध खनन कर अर्जित की थी काली कमाई
झांसी के गरौठा से दो बार सपा से विधायक रहे दीपनारायण सिंह यादव के खिलाफ साल 2006 से 2016 के बीच खनन के जरिए अवैध संपत्ति जुटाने के आरोप लगे थे. इसकी शिकायत के बाद अप्रैल 2021 में शासन की संस्तुति पर विजिलेंस ने जांच शुरू की थी. विजिलेंस ने पूर्व विधायक के फ्यूचर टैंक हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड, बीडी बिल्डर एसोसिएट, मोना कंस्ट्रक्शन ग्रेनाइट, एसआर रेजीडेंसी प्राइवेट लिमिटेड, मून सिटी स्केप बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड, रामदेवी प्राइवेट लिमिटेड, रामादेवी एजुकेशनल फाउंडेशन ट्रस्ट जरहा खुर्द मोंठ, डीएसएस रियल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड जरहा खुर्द, टीकाराम यादव स्मृति महाविद्यालय मोंठ, टीकाराम विधि महाविद्यालय मोंठ, डॉ. राममनोहर लोहिया आईटीआई कॉलेज जरहा खुर्द, रामादेवी इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, डीएनए प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स मां पीतांबरा प्राइवेट लिमिटेड समेत अन्य कई अचल संपत्तियों को जांच के दायरे में रखा था.