हरियाली तीज का त्योहार भागवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है. इस दिन महिलाएं माता पार्वती की पूजा करती हैं और सुखी विवाहित जीवन की कामन करती हैं. हरियाली तीज नाग पंचमी के दो दिन पहले यानी श्रावण माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आती है. इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की अराधना करना काफी शुभ माना जाता है. हरियाली तीज को छोटी तीज या श्रावण तीज के नाम से भी जाना जाता है.
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त: हरियाली तीज पर सुबह 7:05 से लेकर सुबह 9:55 और शाम को प्रदोष काल में 5:55 से 8:05 तक पूजन का उत्तम मुहूर्त रहेगा. हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है. इस बार हरियाली तीज का पर्व 31 जुलाई को मनाया जाएगा. पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव का पुनर्मिलन हुआ था. इसलिए इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं. मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विधान है. सुहागिन महिलाएं इस दिन पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. वहीं, कुंवारी महिलाएं मनवांछित वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखते हैं.
ज्योतिष के अनुसार इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. वहीं, कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस दिन हरे रंग का विशेष महत्व बताया गया है. इसलिए महिलाएं सज-संवर कर हरे रंग के वस्त्र और चूड़ियां पहनती हैं. इसलिए ही इसे हरियाली तीज कहा जाता है. कल हरियाली तीज का व्रत अगर आप भी रख रहीं हैं, तो पहले से ही पूजा की सामग्री तैयार कर लें.
हरियाली तीज पूजा विधि: हरियाली तीज के दिन सुबह ब्रह्मा मुहूर्त में उठे. स्नान के बाद हरे रंग के कपड़े पहनें. मंदिर में रखी चौकी को गंगाजल से साफ कर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं. मिट्टी से भगवान शिव, मां पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति बनाएं. संभव न हो तो फोटो का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. इसके बाद चौकी पर मां पार्वती और भगवान शिव की स्थापना करें. एक तेल तिल या सरसों या फिर घी का दीपक जलाएं. इस दीपक को देवताओं के दाहिनी ओर रखें.
जब माता पार्वती की पूजा करें तो इन मंत्रों को बोलें
- ॐ उमायै नम:
- ॐ पार्वत्यै नम:
- ॐ जगद्धात्र्यै नम:
- ॐ जगत्प्रतिष्ठायै नम:
- ॐ शांतिरूपिण्यै नम:
- ॐ शिवाय नम:
भगवान शिव की आराधना इन मंत्रों से करें
- ॐ हराय नम:
- ॐ महेश्वराय नम:
- ॐ शंभवे नम:
- ॐ शूलपाणये नम:
- ॐ पिनाकवृषे नम:
- ॐ शिवाय नम:
- ॐ पशुपतये नम:
- ॐ महादेवाय नम: