रायपुर: हर साल 28 जुलाई को विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 2022 मनाया जाता है. यह दिन एक स्वस्थ वातावरण की नींव है. इसके साथ ही यह दिन वर्तमान और भावी पीढ़ियों की भलाई को सुनिश्चित भी करता है. वनों की कटाई, अवैध वन्यजीव व्यापार, प्रदूषण, प्लास्टिक, रसायन आदि का उपयोग करने से प्रकृति खतरे में है.
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का इतिहास: पिछली शताब्दी के दौरान मानवीय गतिविधियों का प्राकृतिक वनस्पति और अन्य संसाधनों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है.तेजी से बढ़ते औद्योगीकरण की तलाश और लगातार बढ़ती आबादी के लिए जगह बनाने के लिए वनों के आवरण को काटने से जलवायु परिवर्तन और अन्य पर्यावरणीय प्रभाव पैदा हुए हैं. पिछले कुछ वर्षों में पर्यावरण संरक्षण के बारे में जितना जागरूकता बढ़ी है. उससे कहीं ज्यादा अभी हमें जागरूकता बढ़ाने के आवश्यकता है. हाल के दिनों में पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता और अधिक स्पष्ट हो गई है. संसाधनों के अथक मानव अतिदोहन ने असामान्य मौसम पैटर्न, वन्यजीवों के आवासों का विनाश, प्रजातियों के विलुप्त होने और जैव विविधता के नुकसान को जन्म दिया है. अफसोस की बात है कि यह दुनिया भर में प्रकृति संरक्षण के लिए इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर जैसे संगठन महत्वपूर्ण हैं लेकिन उसके बावजूद भी हम प्रकृति को संरक्षित करने में सफल नहीं हो पाए हैं.
इसलिए जरूरी है पर्यावरण संरक्षण: प्रकृति का संरक्षण बहुत आवश्यक है. यहां तक कि वैज्ञानिकों ने भी हमें निकट भविष्य में बड़े पैमाने पर विलुप्ति को लेकर चेतावनी दी है. प्रकृति के बारे में कई शोधों से पता चला है कि संसाधन बर्बाद हो रहे हैं. ग्लोबल वार्मिंग के कारण दिन-प्रतिदिन तापमान में वृद्धि हो रही है. तूफान और समुद्र का स्तर भी बढ़ रहा है और मीठे पानी के ग्लेशियर पिघल रहे हैं, जिससे जान का खतरा है. हम प्राकृतिक संसाधनों के साथ एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. ऐसे में दिन प्रतिदिन बिगड़ते पर्यावरण को लेकर चुनौती यह है कि सतत विकास को प्राप्त करने के लिए प्रकृति को कैसे संरक्षित किया जाए. पर्यावरण को बचाने की जरूरत सिर्फ अभी की पीढ़ी के लिए ही नहीं, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए भी है.
पर्यावरण को बचाने के तरीके: विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का इतिहास अज्ञात है, लेकिन 28 जुलाई को इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य एक साथ आगे आना और प्रकृति का समर्थन करना है, न कि उसका शोषण करना. प्रकृति का संरक्षण प्राकृतिक संसाधनों का बुद्धिमानी के साथ प्रबंधन और उपयोग है. जैसा कि हम जानते हैं कि प्राकृतिक असंतुलन के कारण हम कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जैसे- ग्लोबल वार्मिंग, विभिन्न रोग, प्राकृतिक आपदाएं, तापमान में वृद्धि आदि. इसलिए, अगली पीढ़ी के लिए, इसे संरक्षित करना आवश्यक है. इसलिए दुनियाभर में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने, संसाधनों की बचत करने, इसे पुनर्चक्रण करने, इसे संरक्षित करने और इसे नुकसान पहुंचाने के परिणामों को समझने के लिए जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है.