नई दिल्ली : नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ लेंगी. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाएंगे. शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन सुबह करीब 10.15 बजे संसद के केंद्रीय कक्ष में होगा. मुर्मू का राष्ट्रपति बनना कई लिहाज से ऐतिहासिक अवसर होगा. वह देश की 15वीं और पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी. वहीं, आजादी के 75वें साल में द्रौपदी मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनने जा रही हैं. उनके शपथ ग्रहण समारोह के लिए संसद भवन में विशेष तैयारियां की गई हैं.
शपथ ग्रहण समारोह से पहले निवर्तमान राष्ट्रपति और निर्वाचित राष्ट्रपति संसद पहुंचेंगे. उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राजनयिक मिशनों के प्रमुख, संसद सदस्य और सरकार के प्रमुख असैन्य एवं सैन्य अधिकारी समारोह में शामिल होंगे.
समारोह के बाद दिया जाएगा गार्ड ऑफ ऑनर
संसद के सेंट्रल में समारोह के समापन के बाद द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन के लिए रवाना होंगी, जहां उन्हें एक इंटर-सर्विस गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा और निवर्तमान राष्ट्रपति का शिष्टाचार सम्मान किया जाएगा.
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ लेंगी. वह देश की 15वीं और पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी. शपथ समारोह सुबह 10:15 बजे संसद के सेंट्रल हॉल में होगा. सीजेआई एनवी रमना उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाएंगे. इसके बाद उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाएगी. शपथ ग्रहण के बाद नई राष्ट्रपति देश को संबोधित करेंगी. मौसम को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम की तैयारियां की गई हैं. अगर आज बारिश हो जाती है तो राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में होने वाला औपचारिक समारोह आयोजित नहीं किया जाएगा.
बता दें, 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग हुई थी. एनडीए की तरफ से द्रौपदी मुर्मू तो विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा को चुनाव मैदान में उतारा गया था. 21 जुलाई को काउंटिंग में द्रौपदी मुर्मू ने जीत हासिल कर ली थी. बीजेपी का दावा है कि 125 विधायकों और 17 सांसदों ने क्रॉस वोटिंग कर द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया था.
1997 में राजनीतिक जीवन की शुरुआत : द्रौपदी मुर्मू ने एक अध्यापिका के रूप में अपना व्यावसायिक जीवन शुरू किया और उसके बाद धीरे-धीरे सक्रिय राजनीति में कदम रखा. साल 1997 में उन्होंने रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में जीत दर्ज कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. उनके राष्ट्रपति बनने पर दुनियाभर के नेताओं ने इसे भारतीय लोकतंत्र की जीत करार दिया है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने संदेश में कहा कि एक आदिवासी महिला का राष्ट्रपति जैसे पद पर पहुंचना भारतीय लोकतंत्र की मजबूती का प्रमाण है. उन्होंने कहा कि मुर्मू का निर्वाचन इस बात का प्रमाण है कि जन्म नहीं, व्यक्ति के प्रयास उसकी नियति तय करते हैं. वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्र प्रमुख पद पर पहुंचना उनकी ऊंची शख्सियत का ही परिणाम है.