कोलकाता: एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू आज राष्ट्रपति चुनाव 2022 में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी. चुनाव की पूर्व संध्या पर भाजपा ने अपने सभी विधायकों को न्यूटाउन के एक होटल में स्थानांतरित कर दिया. ऐसे में सत्ता पक्ष और विपक्षी दोनों पार्टियों ने अपने सभी विधायकों को रविवार रात तक कोलकाता आने का आदेश दे दिया. तृणमूल के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी खुद राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के लिए पूरे मामले की निगरानी के प्रभारी हैं.
साथ ही पार्टी महासचिव पार्थ चटर्जी और परिवहन मंत्री फिरहाद हाकिम सांसदों और विधायकों पर कड़ी नजर रख रहे हैं. दूसरी ओर, राज्य में विपक्षी दल के नेता सुवेंदु अधिकारी मोर्चा संभाल रहे हैं. इसी बीच रविवार को एक नया नजारा देखने को मिला. अभूतपूर्व रूप से राज्य के 69 भाजपा विधायकों को भगवा ब्रिगेड द्वारा राजारहाट के एक होटल में ले जाया गया. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि पार्टी के सभी विधायक द्रौपदी मुर्मू को वोट दें. राजनीतिक हलकों का मानना है कि पश्चिम बंगाल की राजनीति में यह एक अभूतपूर्व घटना है.
पूर्व में पार्टी के विधायकों को राज्य में किसी खास होटल या रिजॉर्ट में बंद करने की ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी. हालांकि, अन्य राज्यों में खरीद-फरोख्त के आरोप लगते रहे हैं. इसके आधार पर भाजपा चुनाव से पहले अतिरिक्त सावधानी बरत रही है. क्या इसलिए कि बीजेपी अब अपने विधायकों पर भरोसा नहीं कर सकती? प्रश्न अनुत्तरित है. राजनीतिक गलियारों का मानना है कि भाजपा अब उन कुछ विधायकों के वोट हासिल करने की कोशिश कर रही है जो विधानसभा चुनाव के बाद कई विधायकों के दलबदल के बाद भी उनके साथ हैं. और इसलिए यह कदम उठाया गया. वैसे दलबदलुओं को छोड़कर बीजेपी के पास फिलहाल 70 विधायकों का समर्थन है.
भले ही सांसद अर्जुन सिंह के बेटे पवन सिंह ने निष्ठा नहीं बदली है, लेकिन बीजेपी ने मान लिया है कि वह सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के रास्ते में हैं. इसलिए उन्हें छोड़कर बीजेपी नेताओं ने 69 विधायकों के साथ न्यूटाउन होटल में डेरा डाल दिया है. ऐसे में तृणमूल के प्रत्याशी को वोट देने पर प्रदेश भाजपा नेतृत्व को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, बीजेपी इस समय खुलकर कह रही है कि बीजेपी के विधायक दूर-दूर से आ रहे हैं, इसलिए उन्हें एक जगह रखने की व्यवस्था है. हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने इस घटना के लिए भाजपा की आलोचना करना बंद नहीं किया.
उन्होंने कहा, ‘भाजपा को पार्टी के विधायकों पर भरोसा नहीं है. सुवेंदु अधिकारी भले ही बहुत बातें करते हों, लेकिन उन्हें अपना घर संभालने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. और इसलिए उन्हें इस तरह की व्यवस्था करनी पड़ रही है, तृणमूल कांग्रेस के निर्मल घोष ने कहा. वहीं, बीजेपी के मनोज तिग्गा ने कहा, ‘पार्टी नेता सुवेंदु अधिकारी इस बारे में कहेंगे. लेकिन मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि पानी को बेवजह गंदा किया जा रहा है. बीजेपी के ज्यादातर विधायक इस साल नए हैं. उन्हें नहीं पता कि राष्ट्रपति चुनाव में कैसे वोट करना है. इसलिए सभी को एक साथ लाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि मतदान ठीक से हो सके. इसे अनावश्यक रूप से मुद्दा बनाने का कोई मतलब नहीं है.