कलेक्टर- एसडीएम विवाद में हुआ नया खुलासा, रेत परिवहन में कलेक्टर ने एनजीटी के निर्देशों का पालन नहीं किया!

Uncategorized प्रदेश

भोपाल: होशंगाबाद के कलेक्टर शीलेंद्र सिंह और एसडीएम रवीश श्रीवास्तव के बीच हुए विवाद में एक नया खुलासा सामने आया है। इस खुलासे के अनुसार कलेक्टर ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लिए बगैर ही रेत परिवहन की अनुमति दे दी थी।

ज्ञात रहे कि एनजीटी ने आदेश दिए हैं कि जहां भी रेत का भंडारण किया है वहां से रेत का परिवहन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लिए बगैर नहीं किया जा सकेगा। नर्मदा नदी से निकाली गई इस रेत के परिवहन के मामले में राज्य शासन ने नई रेत नीति जारी करने के साथ ही भंडारण के लाइसेंस निरस्त कर दिए थे और कलेक्टरों को 7 दिन में सत्यापन के बाद परिवहन की अनुमति जारी करने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर होशंगाबाद ने नई नीति के तहत सत्यापन तो करा लिया था पर इसके लिए एनजीटी के निर्देशों का पालन नहीं कराया इसलिए अब शासन ने कलेक्टर द्वारा दी गई अनुमति को एनओसी जारी होने तक रुकवा दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कलेक्टर ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति जारी हुए बगैर ही जिले के कुलमडी और अन्य क्षेत्रों से रेत परिवहन की परमिशन दे दी थी। शासन की जानकारी में आने के बाद यहां से रेत परिवहन का काम रोक दिया गया था। इस खुलासे के बाद अब शासन कलेक्टर पर बड़ी एक्शन ले सकता है।

इसी बीच पता लगा है कि शासन ने होशंगाबाद के कमिश्नर रविंद्र मिश्रा द्वारा कलेक्टर और एसडीएम के बीच हुए विवाद की रिपोर्ट को अधूरी मानी है और  पुनः रिपोर्ट देने का कहा है। अधूरी रिपोर्ट देने पर कमिश्नर के प्रति शासन ने नाराजगी भी जाहिर की है और कहा है कि तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजें जिसमें सभी तथ्य शामिल हो। बताया गया है कि जो रिपोर्ट दी गई है उसमें रेत परिवहन के मामले की जानकारी विस्तार से नहीं दी गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *