रायपुर : कैंसर से लड़ रही एक मां ने अंतिम दिनों में पति से कहा था कुंती को पढ़ाना, उसका ख्याल रखना। अपनी बेटी को पढ़ाने की मां की अंतिम इच्छा पूरी हो रही है और पिता अपनी बेटी को पढ़ा रहे है। पिता की इस कोशिश में शासन का भी पूरा साथ मिला है। शहीद महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता सामाजिक सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत परिवार को दो लाख रुपये मिले और इस पैसे ने कठिन समय में परिवार को सहारा दिया। योजना से मिले कुछ पैसे कुंती के पिता नोहरु ने उसकी पढ़ाई के लिए बचा के रखे है और कुछ पैसों से उधार चुकाया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बकावंड में भेंट-मुलाकात के दौरान नोहरु पटेल ने तेंदूपत्ता संग्रहको के लिए चलाई जा रही इस योजना के लिए धन्यवाद दिया। दरअसल राजनगर के रहने वाले नोहरू पटेल की पत्नी की एक साल पहले स्तन कैंसर से मृत्यु हुई थी। नोहरु की पत्नी ने मरने से पहले उससे कहा था कि वह अपनी बेटी कुंती का ख्याल रखे और उसे पढ़ाए।
खेती-बाड़ी और वनोपज संग्रहण कर जीवनयापन करने वाले नोहरु के लिए पत्नी का असमय जाना बड़ा संकट था। इस मुश्किल समय में नोहरु को सहारा मिला तेंदूपत्ता संग्रहको के लिए चलाई जा रही शहीद महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता सामाजिक सुरक्षा बीमा योजना का। योजना से नोहरु को दो लाख मिले और इससे वह अपने दिवंगत पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी कर पा रहे है।
वनांचल में रहने वाले नोहरू जैसे लाखों लोग आजीविका के लिए तेंदू पत्ता संग्रहण का काम करते है। इसी हरे सोने के संग्राहकों के लिए शासन कई योजनाएं संचलित कर रही है। ऐसी ही एक योजना है शहीद महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता सामाजिक सुरक्षा बीमा योजना, जिसके अंतर्गत तेंदूपत्ता मुखिया की सामान्य मृत्यु में 2 लाख और दुर्घटना के कारण मृत्यु से 4 लाख रूपये प्रदाय किया जाता है।