जबलपुर। अप्रत्यक्ष रूप से पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में प्रदेश के निवासियों के लिए सौ फीसदी आरक्षण दिए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस एसए धर्माधिकारी और जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने फैसला सुरक्षित रखने के आदेश जारी किए हैं.
यह है पूरा मामला: उत्तर प्रदेश निवासी शैलेन्द्र कुमार की तफर से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने इंजीनियर पद पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किये थे. एमपीपीएससी ये भर्ती प्रकिया की परीक्षा आयोजित करेगी. एमपीपीएससी की प्राथमिक परीक्षा में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश के रोजगार पोर्टल में जीवित पंजीयन होना अनिवार्य है. रोजगार पोर्टल के नियम अनुसार वही अभ्यर्थी पोर्टल पर रजिस्टर कर सकता है जो मध्य प्रदेश का निवासी हो. पोर्टल पर सिर्फ मध्यप्रदेश के जिलों के नाम ही अंकित हैं जिसके कारण मध्यप्रदेश के बाहर के अभ्यार्थी अपना नाम पोर्टल पर रजिस्टर नहीं कर सकते. याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि पूर्व में एमपीपीएससी द्वारा आयोजित अन्य परीक्षाओं की प्रक्रिया और इस प्रक्रिया को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गयी थी. जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने संशोधन के आदेश जारी किये थे. जिससे मध्यप्रदेश के अलावा अन्य प्रदेशों के अभ्यर्थी भी इस परीक्षा में शामिल हो सके. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद इस मामले में फैसला सुरक्षित रखने के आदेश जारी किए है.