अक्षय तृतीया पर सैकड़ों जोडे लेंगे सात फेरे,बाल विवाह हुआ तो सभी संबंधित पक्षों पर होगी कार्रवाई

भोपाल । मंदिरों में सुबह से श्रदधालुओं की भीड लगी रहेगी। बडी संख्या में सार्वजनिक विवाह सम्मेलन भी होंगे। कोरोना महामारी का प्रकोप खत्‍म होने के बाद इस बार अक्षय तृतीया (03 मई) पर कई शादियां होंगी। इस दिन शहर में शादी से लेकर पूजा तक सभी कार्य किए जाएंगे। इसी दिन भगवान परशुराम जयंती भी है, इसलिए भगवान परशुराम मंदिरों सहित कई स्थानों पर भगवान परशुराम जी की पूजा-अर्चना की जाएगी। सुबह से मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रम होंगे। अक्षय तृतीया के अबूझ मुहूर्त पर शहर में आधा दर्जन स्थानों पर विभिन्न समाजों के सामूहिक विवाह सम्मेलन होंगे। इन सम्मेलनों में एक हजार से अधिक जोड़े परिणय सूत्र में बंधने की उम्‍मीद है। बीते दो सालों में कोरोना के कारण अक्षय तृतीया पर कम ही शादियां हुई थीं। इस बार सार्वजनिक विवाह सम्मेलन भी होंगे। ज्योतिषाचार्य पंडित विष्णु राजौरिया और पंडित जगदीश शर्मा ने बताया कि इस दिन अबूझ मुहूर्त होगा। इस दिन देशभर में बिना किसी पंचांग और मुहूर्त के शादी हो सकेगी। वैसे इस साल दिसंबर तक शादी के लिए 31 शुभ मुहूर्त हैं।विवाह के मुहूर्तों से खरीदी करने के लिए बाजारों में अच्छी भीड़ हो रही है। अक्षय तृतीया पर कई विवाह होंगे। उसकी तैयारियां भी चल रही हैं। कैटरिंग से लेकर लाइट सभी बुक हो चुके हैं। टेंट व्यावसायी चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि कोरोना काल के बाद यह पहला अवसर है कि जब किसी पाबंदी के बगैर शादियां हो रही हैं। अक्षय तृतीया पर अभी से बुकिंग हो चुकी है। लोगों को ज्यादा दाम देने के बाद भी संसाधन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इस साल विवाह के शुभ मुहूर्त है- अप्रैल में 21, 22, 23, 27, 28, मई में 2, 3, 11, 16, 20, 26, 31, जून में  6, 11, 14, 21 जुलाई में 5, 8, 9, नवंबर में 26, 28, 29, 30, दिसंबर में 1, 2, 6, 7, 11, 13। नौ जुलाई के बाद शादी बंद हो जाएंगी। अमूमन देवउठनी से शुरू होने वाली शादी इस बार नहीं हो सकेंगी। चार नवंबर को देवउठनी ग्यारस है, लेकिन शुक्र अस्त होने की वजह से 23 नवंबर तक शादियां नहीं हो सकेंगी। 26 नवंबर से शादी शुरू होंगी।

विवाह के अबूझ मुहूज अक्षय तृतीया पर प्रदेश में 2 हजार से ज्यादा विवाह सम्मेलन होने जा रहे हैं. इनमें बड़ी संख्या में युवक-युवती विवाह बंधन में बंधेंगे, लेकिन इसी दौरान विवाह सम्मेलनों की आड़ में कई जगहों पर बाल विवाह के मामले भी सामने आते रहे हैं. महिला एवं बाल विकास ने 2019 में ऐसे 700 से ज्यादा बाल विवाह रूकवाने का दावा किया था. कोरोना की बंदिशों की वजह से 2 साल तक वैवाहिक सम्मेलन आयोजित नहीं किए गए थे. इस बार 2 साल बाद हो रहे इन सम्मेलनों की आड़ में एक बार फिर बाल विवाह कराए जाने की आशंका बन गई है. इसे रोकने के लिए प्रशासन ने भी खास तैयारी की है.

बाल विवाह कराया तो होगी कार्रवाई: 2 साल बाद हो रहे विवाह सम्मेलनों में बाल विवाह कराए जाने की आशंका के चलते प्रशासन ने ऐसा होने पर सख्त कार्रवाई किए जाने की हिदायत दी है. प्रशासन मुखबिरों की मदद से यह पता लगा रहा है कि ऐसा होने का आशंका कहां और किस इलाके में ज्यादा है. बाल विवाह होता पाए जाने या इसकी शिकायत दर्ज होने पर प्रशासन ने विवाह करवाने वाले पंड़ित और बैंड बाजे वालों पर भी कार्रवाई किए जाने की हिदायत दी है.

child marriage fear in mass marriage

बाल विवाह कराने वाले पंड़ित बैंड वालों पर होगी कार्रवाई

अधिकारियों को दिए गए सख्ती के निर्देश: महिला एवं बाल विकास विभाग ने प्रदेश में बाल विवाह के मामलों को रोकने के लिए सभी जिलों के कलेक्टरों को सख्ती के निर्देश दिए हैं.

-विभाग ने कहा कि पंचायत स्तर पर आंगनबाडी कार्यकर्ता विवाह सम्मेलनों में शामिल होने वाले युवक-युवतियां की पूरी जानकारी जुटाएं.
-लड़की की उम्र 18 साल और लड़के की उम्र 21 साल से कम नहीं होनी चाहिए. इसके लिए उनके दस्तावेजों का सत्यापन भी करें.
– विवाह सम्मेलन के आयोजकों को भी निर्देशित किया गया है कि विवाह सम्मेलन में शामिल जोड़ों के विवाह के पहले उनके दस्तावेजों के जरिए उम्र की तस्दीक की जाए.
– जिला स्तर पर बाल विवाह रोकने मुखबिरों की मदद ली जा रही है.
– महिला बाल विकास, संबंधित थाने और जिला प्रशासन के अधिकारियों की टीमें गठित की गई हैं जो इन विवाह सम्मेलनों पर नजर रखेंगी.

बाल विवाह हुआ तो सभी संबंधित पक्षों पर होगी कार्रवाई: बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी सभी कलेक्टरों को पत्र भेजकर कहा कि बाल विवाह के मामलों को रोकने के लिए सख्ती और बढ़ाई जाए. बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ने बताया कि-

विवाह सम्मेलनों में ऐसे बाल विवाह को कराने वाले पंडित, बैंड बाजा वालों, शादी के कार्ड छापने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन ने विवाह कराने वाले धर्मगुरूओं और अन्य सेवा प्रदाताओं से भी अपील की है कि बाल विवाह को रोकने में सहभागी बनें. प्रशासन ने दुल्हा -दुल्हन के परिजनों से भी यह अपील की है कि वे विवाह के पहले वर और वधु की उम्र के दावों और दस्तावेजों को सत्यापित कर लें.
बृजेश चौहान,सदस्य,बाल अधिकार संरक्षण आयोग

प्रदेश में नहीं रूक रहे बाल विवाह के मामले: प्रशासन हर बार तमाम इंतजाम और सख्ती करता है, लेकिन प्रदेश में बाल विवाह के मामले नहीं रुक रहे हैं. आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो
– 2019-20 के दौरान प्रदेश में बाल विवाह के 196 मामले सामने आए थे.
– 2020-21 में ऐसे 262 मामले सामने आए थे. अब एक बार फिर 2 साल हो रहे विवाह सम्मेलनों में बाल विवाह के मामले रोकना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है.

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