अमित शाह ने भाजपा शासित राज्यों में समान नागरिक संहिता कानून बनाने के दिए संकेत

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भोपाल:केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में सामान नागरिक संहिता कानून लाएंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में चुनाव से ठीक पहले हमने समान नागरिक संहिता कानून लाने का एलान किया था। अब विधानसभा से उसे पारित करके कानून बना लिया जाएगा। धीरे-धीरे अन्य भाजपा राज्यों में भी यही कानून बनाएंगे।

अमित शाह का कांग्रेस पर निशाना

भोपाल में भाजपा नेताओं से चर्चा के दौरान अमित शाह ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश को सिर्फ समस्याएं दी हैं, उसे देखो कहां थी और कहां पहुंच गई। वहीं राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि राहुल बाबा जल्द कांग्रेस के अध्यक्ष बन जाएंगे तो चुनाव जीतना आसान हो जाएगा। वर्ष 2018 में हुए मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ ऐसे कारण इकट्ठे हो गए थे, जिनके चलते मध्य प्रदेश में हम चुनाव हारे। लेकिन, अब 2023 के चुनाव को जीतने की तैयारी में जुट जाओ। जो कमजोर बूथ हैं, उन्हें मजबूत करो। यह बात उन्होंने शुक्रवार को एमपी भाजपा कार्यालय में राज्य के मंत्री, प्रदेश पदाधिकारियों और वरिष्ठ नेताओं की संयुक्त बैठक में कही।

मुस्लिम महिलाओं ने शाह पर फूल बरसाकर जताया आभार

भोपाल दौरे पर पहुंचे अमित शाह का रोड शो भी हुआ। इस दौरान कश्मीरी पंडितों, मुस्लिम महिलाओं, नेपाली समाज के लोगों ने कश्मीर से धारा 370 हटाने, तीन तलाक कानून लागू करने एवं भविष्य में अखंड भारत का निर्माण करने जैसे मामलों पर शाह का आभार जताया। काफिले पर फूल भी बरसाए।

क्या है समान नागरिक संहिता कानून

समान नागरिक संहिता कानून को अगर आसान शब्दों में समझे तो इसका मतलब होगा कि भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून। फिर वो व्यक्ति किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता कानून में शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा। समान नागरिक संहिता कानून एक पंथ निरपेक्षता कानून होगा जो सभी धर्मों के लिए समान रूप से लागू होगा। फिलहाल भारत में मुस्लिम, इसाई, और पारसी का पर्सनल ला लागू है। हिंदू सिविल ला के तहत हिंदू, सिख और जैन आते हैं। संविधान में समान नागरिक संहिता कानून अनुच्छेद 44 के तहत राज्य की जिम्मेदारी बताया गया है। लेकिन ये आज तक देश में लागू नहीं हो सका है और इस पर काफी वक्त से बहस चल रही है।

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