इंदौर। केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन में स्पष्ट रूप से जानकारी दी गई है कि 14 अप्रैल को केंद्र शासन के सभी विभाग कार्यालय एवं औद्योगिक संस्थानों में राष्ट्रीय अवकाश रहेगा. मंत्रालय ने इस नोटिफिकेशन को जारी करने के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 के नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट को आधार बनाया है. गौरतलब है कि लंबे अरसे से अंबेडकर समर्थकों द्वारा अंबेडकर जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की जाती रही है. इस बार उनकी जयंती के पूर्व भी केंद्र सरकार ने इस आशय की घोषणा करते हुए तत्काल नोटिफिकेशन भी जारी किया, जिसे एक बड़ा फैसला मनाया जा रहा है.
दलित वोट साधने की कसरत : केंद्र सरकार द्वारा लिया जाए इस फैसले को लेकर माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के हाल के विधानसभा चुनाव समेत अन्य राज्यों के चुनाव में दलित समुदाय ने बीजेपी का साथ दिया है. लिहाजा भारतीय जनता पार्टी भी मिशन 2024 के लिए दलित समुदाय को साध कर ही आगे बढ़ना चाहती है. इधर, अंबेडकर की जन्मस्थली महू में स्मारक के संचालन एवं संधारण के लिए गठित अंबेडकर मेमोरियल सोसाइट के निर्वाचन एवं पदाधिकारियों के चयन को लेकर जारी विवाद के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ में राज्य शासन को पत्र लिखकर इस विवाद का पटाक्षेप करने की मांग की है.
कमलनाथ का सीएम शिवराज को पत्र : अंबेडकर जयंती को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेजे गए पत्र में कमलनाथ ने उल्लेख किया है कि स्माारक समिति के निर्वाचन वैधानिक प्रक्रिया के तहत नहीं कराए गए हैं. इसके अलावा वहां वित्तीय अनियमितताएं भी सामने आ रही हैं, क्योंकि यह स्मारक करोड़ों भारतीयों की आस्था का केंद्र है. इसलिए यहां के संचालन की जिम्मेदारी किसी गैर राजनीतिक संगठन को देना ही उचित होगा. गौरतलब है फिलहाल जो सोसाइटी अंबेडकर स्मारक का संचालन कर रही है, वह सोसाइटी एक्ट के तहत गठित समिति है, जिसका निर्वाचन हाल ही में हुआ था, लेकिन इसमें भी विवाद गहरा गया है.