भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने लंबे अरसे बाद अपनी एकजुटता प्रदर्शित कर कमलनाथ के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास पर आयोजित बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अजय सिंह राहुल और अरुण यादव जैसे नेता भी शामिल हुए. बैठक के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बताया कि बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर सर्वसम्मति बनी है.
हर 15 दिन में होगी कांग्रेस की बैठकः जीतू पटवारी ने कहा कि अब हर 15 दिन में कांग्रेस की समन्वय समिति की इसी तरह की बैठकें आयोजित होंगी. बैठक में कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी और प्रदेश की खस्ता आर्थिक हालात को लेकर सड़कों में संघर्ष करते हुए दिखाई देगी. पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल की सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि कमलनाथ आने वाले दिनों में नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा दे सकते हैं लेकिन बैठक के बाद फिलहाल कमलनाथ दोनों ही पदों पर बने रहने वाले हैं.
कमलनाथ के नेतृत्व में लड़ा जाएगा आगामी चुनावः लगभग 2 घंटे चली बैठक के बाद कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी और पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने मीडिया से चर्चा में साफ किया कि आगामी विधानसभा चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. मध्य प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बनाने में कांग्रेस कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी.
ये नेता हुए मीटिंग में शामिलः कमलनाथ के बंगले में हुई प्रदेश कांग्रेस की इस महत्वपूर्ण बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, पूर्व पीसीसी चीफ कांतिलाल भूरिया व अरुण यादव, सुरेश पचौरी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कावरे सहित कमलनाथ सरकार में पूर्व मंत्री रहे नेता इसमें शामिल रहे.
नहीं बदला जाएगा नेता प्रतिपक्ष: सर्वमान्य नेता पूर्व मंत्री तरुण भनोट ने कहा कि मध्य प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी का चेहरा कौन होगा यह आलाकमान तय करेगा.विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बदलने की अटकलों पर तरुण भनोट ने कहा कि कमलनाथ सर्वमान्य नेता हैं और सभी प्रकार की परिस्थितियों से निपटने में सक्षम हैं.
पार्टी में अपनों से चुनौतियांः पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह का कहना है कि पार्टी को अपनों से चुनौतियां हैं. चुनौतियां बहुत सारी हैं. राजनीतिक क्षेत्र में जब हम काम करते हैं तो सभी प्रकार की चुनौतियां होती हैं. उससे निपटने के लिए कमलनाथ पूरी तरह से सक्षम हैं.
पार्टी में कोई मतभेद नहींः पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि पार्टी मुझे जो जिम्मेदारी देगी मैं तैयार हूं. मैं संत नहीं हूं, अगर होता तो हिमालय पर होता. मैं अपनी किस्मत और मेहनत पर विश्वास करता हूं. गोविंद सिंह ने कहा कि पार्टी में कोई मतभेद नहीं है. दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, अजय सिंह राहुल अब एक हैं. कांग्रेस पार्टी में अपने विचार रखने की आजादी है.
2 साल में पहली बार हुई बैठकः कमलनाथ सरकार के गिरने के 2 साल बाद यह पहला मौका है जब कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता एक छत के नीचे बैठकर आपस में चर्चा कर पाए हैं. मध्यप्रदेश में हुए उपचुनाव में कांग्रेस की हार के बाद भी पीसीसी चीफ कमलनाथ के साथ कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, अजय सिंह और राहुल एक साथ बैठक नहीं हो पाई थी. इस बैठक के जरिए आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर कांग्रेस ने एक नया संदेश दिया है.