मुंबई। मुंबई की एक महिला आईएएस अधिकारी द्वारा किए गए गांधी-विरोधी ट्वीट को लेकर विवाद पैदा हो गया है। अधिकारी ने पूरी दुनिया से महात्मा गांधी की प्रतिमाएं हटाने और भारतीय मुद्रा से उनकी तस्वीर हटाने की बात कही थी। उन्होंने राष्ट्रपिता के नाम वाली सड़कों और संस्थाओं का नाम बदलने की भी मांग की थी और गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को ‘धन्यवाद’ कहा था।विवाद के बाद बृहन्मुंबई महानगरपालिका की उप निगमायुक्त निधि चौधरी ने शनिवार को कहा कि ट्वीट व्यंग्यात्मक था और उसकी गलत व्याख्या की गई है। विवादित ट्वीट को डिलीट कर दिया गया है।
कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि पहले भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर, फिर पार्टी विधायक ऊषा ठाकुर और अब महाराष्ट्र से आईएएस अधिकारी निधि चौधरी ने गांधीजी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा की है। मुख्यमंत्री फडणवीस को तत्काल, आईएएस अधिकारी पर कार्रवाई करनी चाहिए। बापू की 150वीं जयंती पर भाजपा गोडसे का महिमामंडन क्यों कर रही है?राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने महात्मा गांधी के लिए ‘अपमानजनक’ ट्वीट और गोडसे का ‘‘महिमामंडन’’ करने को लेकर अधिकारी को निलंबित करने की मांग की।
चौधरी ने 17 मई अपने ट्वीट में कहा था, ‘इस साल 150वीं जयंती का कितना सुन्दर समारोह चल रहा है। अब वक्त आ गया है कि हम अपने नोटों से उनका चेहरा हटाएं, दुनिया से उनकी प्रतिमाएं हटाएं, उनके नाम वाली संस्थाओं सड़कों का फिर से नामकरण करें। हमारी ओर से यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। 30-01-1948 के लिए धन्यवाद गोडसे।’राकांपा नेता जितेन्द्र अवहद ने चौधरी को निलंबित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। आलोचनाओं के बाद चौधरी ने दावा किया कि महात्मा गांधी की आत्मकथा उनकी सबसे पसंदीदा पुस्तक है और उनके ट्वीट को ‘गलत समझा’ गया है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘जिन्होंने मेरे 17-05-2019 के ट्वीट को गलत समझा है, उन्हें मेरी टाइम लाइन देखनी चाहिए। पिछले कुछ महीने के ट्वीट भी अपने आप में पर्याप्त हैं। मैं व्यंग्य के साथ लिखे इस ट्वीट को गलत तरीके से समझे जाने से बहुत दुखी हूं।’चौधरी ने लिखा है, ‘मैं कभी गांधी जी का अपमान नहीं करूंगी। गांधी जी हमारे राष्ट्रपिता हैं और 2019 में हम सभी को देश को बेहतर बनाने के लिए कुछ करना चाहिए। आशा करती हूं कि मेरे ट्वीट को गलत समझने वाले लोग उसमें निहित व्यंग्य को समझेंगे।’ (भाषा)