विश्व जल दिवस: ग्रामीणों ने जानी वाटर रिर्जाजिंग की उपयोगिता

छत्तीसगढ़ रायपुर

रायपुर :  वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में विश्व जल दिवस के मौके पर जल संरक्षण एवं जल संवर्धन के महत्व के बारे में जनजागरूकता लाने के उद्देश्य से वन मंडल बीजापुर के कोंगूपल्ली नाला परिक्षेत्र मद्देड में ग्रामीणों और नागरिकों को नरवा विकास योजना के अंतर्गत कराए गए कार्यों का अवलोकन कराया गया। ग्रामीणों ने गहरी रूचि लेकर इस नाले की वाटर रिर्चाजिंग के लिए बनाई गई भू-जल संरचनाओं को देखा। अधिकारियों ने उन्हें इन संरचनाओं की उपयोगिता और महत्व की जानकारी भी विस्तार से दी। बीजापुर वन मण्डल एवं इन्द्रावती राष्ट्रीय उद्यान, बीजापुर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में ग्रामीणों और नागरिकों ने जल संरक्षण करने का संकल्प लिया।
वन मंडलाधिकारी बीजापुर अशोक पटेल ने बताया कि नरवा विकास के तहत कोगूंपल्ली नाला में ए.पी.ओ. वर्ष 2021-22 अंतर्गत जल के संरक्षण और संवर्धन के लिए विभाग द्वारा 19 हजार 441 संरचनाओं का निर्माण कराया गया है, जिसमें एल.बी.सी.डी. 41 नग, गेबियन स्ट्रेक्चर 07 नग, एस.सी.टी. 17962 नग, सी.सी.टी. 743 नग, कन्टूर बण्ड 306 नग, परकोलेशन टेंक 02 नग, एम.पी.टी. 27 नग, जी.पी. 29 नग एवं टी.एफ. एम. 295 नग शामिल हैं।
वनमण्डलाधिकारी ने ग्रामीणों को बताया कि भू-जल संरक्षण कार्य नहीं किये जाने पर वर्षा का जल बिना अवरोध के बह जाने के कारण भू-क्षरण होता है एवं जल संचय नहीं हो पाता और पानी जमीन में रिस कर जमा नहीं होता। उन्होंने ग्रामीणों को यह भी बताया कि भू-जल स्तर में बढ़ोतरी में नरवा विकास योजना अंतर्गत निर्मित संरचनाएं किस प्रकार उपयोगी होती हैं। लगातार भू-जल स्तर गिरने के कारण भविष्य में जल की उपलब्धता प्रभावित होगी जिसका दुष्परिणाम सभी जीवों पर पड़ेगा। इस दौरान उपस्थित नागरिकों द्वारा भी अपने विचार व्यक्त किये गए। कार्यक्रम के अंत में सभी ने जल संरक्षण करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में नागरिकों के अतिरिक्त दोनों वन मण्डल के समस्त उपवनमण्डलाधिकारी एवं समस्त परिक्षेत्र अधिकारी उपस्थित थे।

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