भोपाल । मप्र के पर्यटन स्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए मप्र टूरिज्म बोर्ड 20 पर्यटन क्लस्टर के 50 पर्यटन स्थलों पर 30 हजार बालिकाओं और 10 हजार महिलाओं को आत्मरक्षा के काबिल बनाएगा। कौशल उन्नयन के जरिये उन्हें पर्यटन संबंधी रोजगार से जोड़ा जाएगा। दरअसल, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग की निर्भया परियोजना के तहत एमपी टूरिज्म बोर्ड ने 2019 में प्रस्ताव भेजा था। वर्ष 2021 में 30 करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे। प्रदेश में 40 हजार बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए ट्रेनिंग देने एमपी टूरिज्म बोर्ड और मप्र पुलिस के बीच एमओयू साइन किया गया है। इधर, पुलिस अफसरों-कर्मचारियों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण में पर्यटन स्थलों पर महिलाओं को सुरक्षित माहौल मुहैया कराने संबंधी सेशन भी शामिल किया जाएगा।
यहां योजना अमल में
भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, शिवपुरी, सांची, उज्जैन, झाबुआ, बड़वानी, धार, आलीराजपुर, बुरहानपुर, जबलपुर, पेंच, पचमढ़ी, मंडला, सतना, शहडोल, खजुराहो, चंदेरी और दतिया पर्यटन स्थल ।
मार्शल आर्ट, गोफन चलाने में करेंगे ट्रेंड
मप्र में 20 पर्यटन क्लस्टर के 35 जिलों में मौजूद 50 पर्यटन स्थलों में महिलाओं और बालिकाओं को मार्शल आर्ट, लाठी चलाना एवं आदिवासी क्षेत्रों में गोफन चलाना सिखाया जाएगा। इन पर्यटक स्थलों पर असामाजिक तत्वों से महिला पर्यटकों के साथ ही खुद की सुरक्षा करने में सक्षम हो सकें। एमपी टूरिज्म बोर्ड की स्किल शाखा के डायरेक्टर एमके सिंह के अनुसार आत्मरक्षा के साथ ही प्रतिभागियों को स्किल डेवलपमेंट की भी ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे वह पर्यटन स्थलों पर रोजगार हासिल कर सकें। अभी तक 3000 बालिकाओं, महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी गई है। शिवपुरी में 15 महिलाएं बतौर फॉरेस्ट गाइड तो ओरछा में 10 महिलाएं ई-रिक्शा के जरिये रोजगार हासिल कर चुकी हैं। 30 जिलों में स्किल डेवलपमेंट की वर्कशॉप आयोजित हुई है।
योजना में ये विभाग होंगे सहयोगी
महिला एवं बाल विकास, गृह, नगरीय विकास एवं आवास, परिवहन, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण विकास विभाग।