वैसे तो लोग कोई भी शुभ काम करने के लिए शुभ दिन ही देखते हैं, लेकिन कई बार लोग बिना दिन देखे भी काम करते हैं. ऐसे में अगर आप 15 मार्च के बाद कोई शुभ कार्य करने वाले हैं या सोच रहे हैं, तो रुक जाएं.
क्योंकि ऐसा करना सही नहीं माना जाता. इसके पीछे की वजह होती है ‘खरमास’ . जी हां, आने वाली 15 तारीख से खरमास का आरंभ होने वाला है. जैसा कि आप इसके नाम से ही समझ पा रहे होंगे कि खरमास यानी खराब महीना. इसे ‘मलमास’ के नाम से भी जाना जाता है. इस महीने में किसी भी तरह के शुभ कार्य भूलकर भी नहीं करने चाहिए.
हिंदू धर्म में इस मास का काफी महत्व है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य कुंभ राशि से निकलकर गुरू की मीन राशि में प्रवेश करता है, तब से खरमास की शुरुआत हो जाती है. खरमास के महीने में तीर्थ यात्रा, मंत्र जाप उच्चारण, रामायण पाठ या किसी भी तरह का पूजन नहीं करना चाहिए. साथ ही शादी-विवाह इस माह में वर्जित माने जाते हैं. हालांकि, अगर आपके जीवन में कष्ट है, तो आपको खरमास में दान-पुण्य करना चाहिए. साथ ही इस दौरान भगवान में मन लगाने से आपको लाभ मिलेगा. इस माह में आपको भगवान शिव की अराधना करनी चाहिए. इस दौरान आपको ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए. जिसके लिए सबसे पहले साफ पानी से स्नान कर लें. फिर तांबे के लोटे में जल, लाल चंदन, शहद व लाल पुष्प डाल लें सूर्यदेव को अर्घ्य दें.
अब बात करें कि आखिर इस मास में क्यों शुभ कार्य नहीं करने चाहिए तो बता दें कि बृहस्पति गृह को शुभ कार्यों का गुरु माना जाता है. खरमास में जब सूर्यदेव धनु से मीन में प्रवेश कर जाते हैं तो बृहस्पति गृह कमजोर हो जाता है. वहीं, लड़कियों की शादी के कारक बृहस्पति हैं. जिसको देखते हुए शादी-विवाह इस माह पर करने पर बुरा प्रभाव होता है. साथ ही रोजगार पर भी असर पड़ता है. ऐसे में ये महीना शुभ कार्यों के लिए वर्जित होता है. आपको बता दें कि खरमास करीब 1 महीना तक चलने वाला है. इस दौरान कोई शुभ कार्य न करें.