उज्जैन:होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। होली हिंदुओं का दो दिवसीय त्योहार है और होली की पूर्व संध्या को लोकप्रिय रूप से ‘होलिका दहन’ कहा जाता है।
रंग वाली होली 18 मार्च, शुक्रवार को मनाई जाएगी। यानी 17 मार्च, गुरुवार को होली दहन किया जाएगा। इस दिन को बुराई पर अच्छाई के जीत के रूप में मनाया जाता है। होली उन त्योहारों में से एक है जो सभी धार्मिक भेदभावों को भूलकर खेला जाता है। यह त्योहार भाईचारे और समानता के संदेश को बढ़ावा देता है। होलिका दहन का बहुत ही विशेष महत्व है। होलिका दहन के दिन लोग विधि- विधान से पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा- पाठ करने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार होलिका दहन के दिन अर्चना करने से घर में माता लक्ष्मी निवास करती हैं। वैसे तो होलिका दहन पर लोग अलग-अलग उपाय करते हैं परंतु इस खास दिन पर कुछ विशेष काम भूलकर भी नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं क्या हैं वो कार्य-
होलिका दहन पर न करें ये कार्य
होलिका दहन के दिन सफेद रंग के वस्त्र नहीं धारण करने चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माना जाता है कि होलिका दहन के दिन नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव ज्यादा रहता है इसलिए सफेद रंग के वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए और न ही किसी भी सफेद रंग के खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए।
होलिका दहन के दिन किसी को पैसा उधार देने से परहेज करें। यदि आप होलिका दहन वाले दिन किसी को उधर देंगे तो आपको आर्थिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
होलिका दहन के दिन पूजा करते समय भूलकर भी सिर खुला न रखें। फिर वह चाहे पुरुष हो या स्त्री। इस दिन सिर ढककर पूजा करने से लाभ मिलता है।
नए विवाहित जोड़ों को होलिका दहन की पूजा भूलकर भी नहीं देखनी चाहिए। यदि कोई ऐसा करता है तो इसका असर उनके दाम्पत्य जीवन पर पड़ता है। इसके अलावा इस दिन कोई भी शुभ कार्य नहीं होना चाहिए।
होलिका दहन के दिन रास्ते पर किसी भी प्रकार की वस्तु को हाथ नहीं लगाना चाहिए। यह किसी भी प्रकार का टोटका हो सकता है जो आपके छूते ही नकारात्मक प्रभाव लाएगा।