मैनपुरी और उसमें शामिल यह करहल विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी और यादव परिवार का गढ़ मानी जाती रही है। वर्तमान में भी मुलायम सिंह यादव इसी मैनपुरी से लोक सभा सांसद है। लेकिन भाजपा इस करहल विधानसभा को भी नंदीग्राम और अमेठी बनाने की कोशिश कर रही है इसलिए चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों में गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सीट पर स्वयं मोर्चा संभाल लिया है।
गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह ने अखिलेश यादव के गढ़ करहल में चुनावी जनसभा कर उन्हें घेरने की कोशिश की तो वहीं चुनाव प्रचार के आखिरी दिन शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करहल में सपा मुखिया पर निशाना साधते नजर आएंगे। गुरुवार को करहल में जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने दावा किया कि करहल की जनता परिवारवाद और जातिवाद की राजनीति करने वालों से मुक्ति चाहती है। सपा और यादव परिवार पर उनके ही गढ़ करहल में निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि समाजवादी पार्टी अब नाम की ही समाजवादी रह गई है और इनका गरीबों के कल्याण से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने पूरे प्रदेश में सपा का सफाया होने का दावा करते हुए करहल की जनता से कमल खिलाने की भी अपील की।
शुक्रवार को करहल की धरती से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अखिलेश यादव और सपा को घेरते नजर आएंगे। भाजपा ने इस विधानसभा सीट से अपने केंद्रीय मंत्री और एक जमाने में मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे एसपी सिंह बघेल को अखिलेश यादव के खिलाफ चुनावी मैदान में खड़ा किया है।
भाजपा की कोशिश है कि करहल में भी अमेठी और नंदीग्राम के इतिहास को दोहराया जाए। आपको बता दें कि 2019 के लोक सभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने गांधी परिवार के गढ़ अमेठी में राहुल गांधी को चुनाव में पराजित किया था, वहीं 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के ही खास सहयोगी रह चुके शुभेंदु अधिकारी ने भाजपा उम्मीदवार के तौर पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नंदीग्राम विधानसभा सीट से हरा दिया था।
भाजपा इसी रणनीति पर चलते हुए करहल में भी अखिलेश यादव को घेरने की कोशिश कर रही है।