भोपाल। 8 मार्च को मध्य प्रदेश सरकार विधानसभा में बजट पेश करेगी. शिवराज सरकार वित्त वर्ष 2022-23 का बही खाता सदन में रखने के लिए 7 से 25 मार्च तक विधानसभा का बजट सत्र 2022 बुला रही है. इस दौरान 13 बैठकें होंगी. कोरोना को देखते हुए इस बार अधिकारियों और कर्मचारियों सहित अन्य व्यक्तियों का प्रवेश सीमित ही रखा जाएगा.
ढाई लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का होगा बजट
सूत्रों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में मध्य प्रदेश का बजट ढाई लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का होगा. सत्र की अवधि कम होने के चलते इस बार 1 दिन में 7 से 8 विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा होगी. बजट सत्र की शुरुआत 7 मार्च को सुबह 11:00 बजे राज्यपाल मंगू भाई पटेल के अभिभाषण से होगी. इसमें सरकार के पिछले 1 साल में किए गए कामों के साथ आने वाले वित्तीय वर्ष का रोड मैप होगा. इसके साथ ही 2021-22 का आर्थिक प्रतिवेदन सदस्यों को दिया जाएगा.
मध्य प्रदेश में चाइल्ड बजट
राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में 9 और 10 मार्च को चर्चा होगी. इसके बाद विभाग वार अनुदान मांगों पर चर्चा और बजट पारित किया जाएगा. इस सत्र में खास बात शिवराज सरकार की यह है कि मध्य प्रदेश में चाइल्ड बजट भी प्रस्तुत होगा, जिसमें अलग-अलग विभाग बच्चों के ऊपर कितनी राशि खर्च करेंगे इसका ब्यौरा होगा.
व्यापारियों की मांग, मध्यप्रदेश में घटायी जाए स्टांप ड्यूटी
मध्य प्रदेश क्रेडाई के प्रवक्ता मनोज सिंह मीक का कहना है कि पिछले 15-20 वर्षों में आर्थिक उदारीकरण के दौर में मध्य प्रदेश सरकार के बजट में काफी वृद्धि हुई है. अब यह बजट लगभग दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का आता है. टैक्स कलेक्शन शहरी क्षेत्रों से आता है. लिहाजा सरकार को आगामी बजट में शहरों की ओर ध्यान देने की जरूरत है. शहर के मास्टर प्लान को लेकर बजट में स्पष्ट रूप से प्रावधान होना चाहिए. मीक ने बताया कि मध्यप्रदेश में देश भर में सबसे ज्यादा स्टांप ड्यूटी वसूली जाती है. इसको प्रगतिशील राज्यों के बराबर लाना चाहिए, जिससे मध्यप्रदेश में भी लोग रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश करने के लिए आगे आएं.
चेंबर ऑफ कॉमर्स ने सरकार को भेजे ये सुझाव
भोपाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा को लिखे पत्र में कहा कि बजट 2022 व्यापारियों वेतन भोगियों उद्योगों और छोटे मझोले व्यापारियों को ध्यान में रखकर विकासोन्मुखी बनाया जाए. पेट्रोल, डीजल और शराब पर भी नियमानुसार एक कर लगे और इनको भी जीएसटी के दायरे में लाया जाए. भोपाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एन इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष तेजकुल पाल सिंह पाली ने वित्त मंत्री को भेजे सुझाव में कहा कि सोसायटी द्वारा संपत्ति बेचने और खरीदी करने पर स्टाम्प ड्यूटी डबल लगती है. उसे समाप्त किया जाए. शराब के ठेके की लाइसेंस फीस दिनों दिन लगातार बढ़ती जा रही है. उसे कम करना चाहिए. इसके साथ ही शराब की बिक्री पर वैट की दर कम की जाए.
कांग्रेस ने बजट को लेकर रखी ये मांगें
- पेट्रोल-डीजल से टैक्स कम करे सरकार
विधायक आरिफ मसूद का कहना है कि बजट सत्र में प्रदेश सरकार किसानों को किया गया वादा पूरा करें और महंगाई पर लगाम लगाए. आरिफ मसूद ने बताया कि सरकार कह रही है कि विपक्ष सुझाव नहीं दे रहा. हम सुझाव दे रहे हैं कि बजट में पेट्रोल और डीजल से टैक्स कम किया जाए, तो बहुत सारी चीजों की महंगाई कम हो जाएगी. शहर के अंदर की कॉलोनियो की अव्यवस्थाओं को दूर करने और बल्क कनेक्शन देने को लेकर भी बजट में प्रावधान हो. - जल कर की वसूली में सुधार करे सरकार
मसूद ने कहा कि संपत्ति कर और जल कर की वसूली को लेकर भी सरकार सुधार करें. आरिफ मसूद ने बताया कि सरकार की तरफ से विपक्ष के विधायकों से लिखित में सुझाव नहीं मांगे गए हैं, लेकिन मीडिया के जरिए पता चला है कि सरकार इसके लिए विपक्ष की विधायकों को ही जिम्मेदार बता रही है. - सामाजिक सुरक्षा पेंशन 1200 रुपए हो
पूर्व वित्त मंत्री और विधायक तरुण भनोट का कहना है कि बजट सत्र की तैयारी तो सरकार को करनी है. हमारी सरकार से मांग है कि जन हितैषी बजट लाएं और लोगों को राहत दें. कोविड के दौरान बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार हुए हैं. इसको लेकर सरकार को नीति बनाकर लाना चाहिए. भनोट ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन कमलनाथ सरकार के दौरान 300 से बढ़ाकर 600 रुपये की गई थी. अभी इसे बढ़ाकर 1200 रुपए किए जाने का प्रावधान बजट में किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोविड के बिजली के बिलों को माफ करने का प्रावधान भी बजट में होना चाहिए.