क्या आप जानते हैं बुर्के, नकाब और हिजाब में फर्क? आइये जानते है इसके बारे में

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भारत, पाकिस्तान, ईरान, इराक, अमेरिका, इंग्लैंड समेत पूरी दुनिया में बहुत सी मुस्लिम महिलाएं सिर से पांव तक एक बड़ा सा कपड़ा ओढ़ती हैं जिसे ‘हिजाब’ कहा जाता है. लेकिन क्या है हिजाब का असली मतलब?

दुनिया की बहुत सी संस्कृतियों में औरतों को अपना सिर और बाल ढककर रखने की बात कही जाती है. इस्लाम में औरतों को अपने पिता और पति के अलावा अन्य सभी आदमियों के सामने खुद को ढककर रखने की बात कही जाती है. ऐसे में औरतें खुद को ढकने के लिए एक खास किस्म का परिधान इस्तेमाल करती हैं. भारत, पाकिस्तान, ईरान, इराक, अमेरिका, इंग्लैंड समेत पूरी दुनिया में बहुत सी मुस्लिम महिलाएं सिर से पांव तक एक बड़ा सा कपड़ा ओढ़ती हैं जिसे हिजाब कहा जाता है.

हिजाब को लेकर पूरी दुनिया में बहुत सी धारणाएं हैं. जहां एक तरफ सऊदी अरब, ईरान, इराक में कई जगहों पर बिना अपने बाल ढके घर से बाहर निकली महिलाओं पर आदमी फब्तियां कसते हैं और औरतों को जान से मारने की धमकी भी देते हैं, वहीं यूरोप के बहुत से देशों में इसे पहनने पर बैन लगा हुआ है. डेनमार्क के प्रधानमंत्री के अनुसार उनके देश में कोई भी महिला अपना पूरा चेहरा ढककर पब्लिक में नहीं घूम सकती है.

जहां एक तरफ धार्मिक और सामजिक स्तर पर मुस्लिम महिलाओं के हिजाब को लेकर अवधारणाएं हैं, वहीं इसके प्रकार भी गैर-मुसलमानों को कंफ्यूज कर देते हैं. हिजाब, बुर्का, नकाब, अबाया, अल-अमीरा- इतने प्रकार लेकिन उनका काम एक ही, औरत का शरीर और बाल ढकना, ताकि उसे देखकर किसी आदमी का ‘ईमान‘ ना भटक जाए! बातचीत के दौरान इन पोशाकों को हम एक दूसरे की जगह प्रयोग कर लेते हैं लेकिन इन सभी में कुछ का कुछ मूलभूत अंतर है.

हिजाब: मॉडर्न इस्लाम में हिजाब का अर्थ का पर्दा. कुरान में हिजाब का ताल्लुक कपड़े के लिए नहीं, बल्कि एक पर्दे के रूप में किया गया है जो औरतों और आदमियों के बीच हो. कुरान में मुसलमान आदमियों और औरतों दोनों को ही शालीन कपड़े पहनने की हिदायत दी गई है. यहां कपड़ों के लिए खिमर (सिर ढकने के लिए) और जिल्बाब (लबादा) शब्दों का जिक्र है. हिजाब के अंतर्गत औरतों और आदमियों दोनों को ही ढीले और आरामदेह कपड़े पहनने को कहा गया है, साथ ही अपना सिर ढकने की बात कही गई है.

ये है हिजाब

नकाब: नकाब या निकाब चेहरा छुपाने का कपड़ा होता है. इसमें सिर पूरी तरह से ढका हुआ होता है. इस्लाम में कहीं भी चेहरा ढकने की बात नहीं कही गई है बल्कि सिर्फ सिर और बाल को कपड़े से छिपाने का जिक्र है. लेकिन कट्टरपंथी देशों में औरतों को अपना चेहरा भी छिपाने का फरमान होता है. ऐसे में नकाब का काम होता है सिर, चेहरा को ढकते हुए सिर्फ आंखें खुली रखना. नकाब का यह कपड़ा औरतों के गले और कंधों को ढकते हुए सीने तक आता है. अमूमन यह काले रंग का कपड़ा होता है जिसे पिन की मदद से टांका जाता है.

नकाब में सिर्फ आंखें ही खुली होती हैं

बुर्का: भारत में अक्सर मुसलमान औरतों द्वारा पहने जाने वाले काले लबादे जैसी पोशाक को हम बुर्का कह देते हैं. दरअसल बुर्का उससे कुछ अलग होता है. नकाब का ही अगला स्तर बुर्का है. जहां नकाब में आंखों के अलावा पूरा चेहरा ढका होता है, बुर्के में आंखें भी ढकी होती हैं. आंखों के स्थान पर या तो एक खिड़कीनुमा जाली बनी होती है या कपड़ा हल्का होता है जिससे आर-पार दिख सके. इसके साथ ही पूरे शरीर पर एक बिना फिटिंग वाला लबादा होता है. यह अक्सर एक ही रंग का हो होता है जिससे गैर-मर्दों को आकर्षित ना करे.विज्ञापन

सांस लेने और देखने के लिए बुर्के में होती है छोटी सी खिड़की

अल-अमीरा: यह दो कपड़ों का सेट होता है. एक कपड़े को टोपी की तरह सिर पर पहना जाता है. दूसरा कपड़ा थोड़ा बड़ा होता है जिसे सिर पर लपेटकर सीने पर ओढ़ा जाता है.

अबाया: यह वो पोशाक होती है जिसे भारत में बुर्का कहते हैं. दरअसल मिडिल ईस्ट में इसे अबाया कहा जाता है. यह एक लंबी ढकी हुई पोशाक होती है जिसे औरतें भीतर पहने किसी भी कपड़े के ऊपर डाल लेती हैं. इसमें सिर के लिए एक स्कार्फ होता है जिसमें सिर्फ बाल ढके होते हैं और चेहरा खुला होता है. अब फैशन के हिसाब से ये बहुत से रंगों का आने लगा है.

रंग रंग के अबाया

दुपट्टा: पाकिस्तान और भारत में सलवार-कमीज के साथ मुसलमान औरतें सिर ढकने के लिए दुपट्टे का प्रयोग भी करती हैं. दुपट्टा सलवार-कमीज का ही हिस्सा होता है. इसका मुख्य उद्देश्य सिर ढकना होता है. इस्लाम के अलावा भारत में बहुत जगहों पर हिंदू औरतों को भी सिर पर कपड़ा ओढ़ना पड़ता है. राजस्थान और हरियाणा की कई जगहों पर औरतों को चेहरा ढककर ही घर का सारा काम करना पड़ता है.विज्ञापन

दुपट्टा भी सिर ढकने के काम आता है

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