नई दिल्ली : केंद्र ने कृषि उत्पादों की एयरोप्लेन से ढुलाई को किफायती बनाने के लिए रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (RCS-Udan) की तर्ज पर कृषि उड़ान स्कीम 2.0 शुरू की हैं. यह जानकारी केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में दी. उन्होंने कहा कि देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र सहित 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब हार्टिकल्चर, मत्स्य पालन, पशुधन और प्रोसेस्ड कृषि उत्पादों के लिए सब्सिडी वाली एयर कैरेज स्कीम यानी कृषि उड़ान 2.0 के तहत कवर किया गया है.
उड़ान (UDAN) स्कीम 2016 में शुरू की गई थी, जबकि कृषि उड़ान योजना का दूसरा चरण अक्टूबर 2021 में शुरू किया गया. इसका उद्देश्य उत्तर-पूर्वी राज्यों और आदिवासी और पहाड़ी क्षेत्रों के फूड प्रोडक्ट को बाजार तक पहुंचाने के लिए एयर ट्रांसपोर्टेशन को सुगम बनाना है.
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने बताया कि कृषि उड़ान योजना एक कन्वरजेंस स्कीम है, जिसमें आठ मंत्रालय और विभाग, जैसे नागरिक उड्डयन मंत्रालय, कृषि और किसान कल्याण विभाग, पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्य विभाग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, वाणिज्य विभाग, जनजातीय मामलों के मंत्रालय, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्रालय (DoNER) जुड़े हैं. इसके तहत सभी मंत्रालय कृषि-उत्पाद के ट्रांसपोर्टेशन को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए अपनी योजनाओं का लाभ उठाते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस स्कीम के तहत कृषि उड़ान के लिए विशेष बजट नहीं आवंटित नहीं किया गया है.
एयर ट्रांसपोर्टेशन के जरिय़े कृषि-उत्पाद की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने भारतीय मालवाहक को लैंडिंग, पार्किंग, टर्मिनल नेविगेशन लैंडिंग शुल्क (TNLC) और रूट नेविगेशन फीस (RNFC) से पूरी तरह छूट दे दी है. यह सुविधा P2C (पैसेंजर टू कार्गो) एयरक्राफ्ट को उत्तर पूर्वी, पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्र के लगभग 25 एयरपोर्ट और अन्य क्षेत्रों में 28 एयरपोर्ट पर दी गई है.
जिन राज्यों में कृषि उड़ान स्कीम 2.0 लागू है, उनमें अंडमान और निकोबार, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, केरल, लद्दाख, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शामिल है.
असम सहित नॉर्थ ईस्ट रीजन के राज्यों के सभी एयरपोर्ट को इस स्कीम में शामिल किया गया है. कृषि उड़ान स्कीम 2.0 का मुख्य उद्देश्य कृषि-उत्पादों के परिवहन के लिए एयर ट्रांसपोर्टेशन की हिस्सेदारी को बढ़ाना है.
इसके अलावा ड्रोन से कृषि उत्पादों को एयरलिफ्ट करने का पायलट प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही है. बता दें कि सरकार ने इस महीने उत्तर-पूर्वी राज्यों के भीतरी इलाकों से कृषि उत्पादों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की है. इसके तहत, डीपीआईआईटी (DPIIT) के अधिकारियों ने केरल और अन्य राज्यों में प्रोसेसिंग यूनिट में सप्लाई के लिए मेघालय के वेस्ट जयंतिया की पहाड़ी जिलों से हल्दी को ड्रोन से एयरलिफ्ट करने का टेस्ट किया था.