नई दिल्ली। हाल ही में मुंबई के शेमॉन अहमद और कोलकाता की माया राचेल का निकाहमहिला काजी हाकिमा खातून ने कराया। इस वक्त देश में 16 महिला काज़ी हैं। इन्हें दारूल उलूम ए निसवां की ओर से दो साल की ट्रेनिंग दी गई है। लेकिन 16 में से निकाह केवल एक महिला काजी हाकिमा खातून ने ही करवाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसारवह कहती हैं- जब कुरान-हदीस में औरतों द्वारा निकाह पढ़ने की मनाही नहीं है तो मर्द काजियों को क्या दिक्कत है। निकाह में कुछ शब्द ही तो पढ़ने हैं, काजी ऐसा क्या पढ़ता है जो औरतें नहीं पढ़ सकती हैं। इस आंदोलन की मुखिया जकिया सोमन के अनुसार, उन्होंने अमेरिका की इमाम और काजी डॉ. अमीना वदूद से प्रभावित होकर भारत में इसकी जंग शुरू की।
भारत की प्राण शक्ति बहुत से लोगों को दिखाई नहीं देती: आरएसएस प्रमुख
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि भारत के पास अपनी प्राण शक्ति है, लेकिन यह कई लोगों को दिखाई नहीं देती क्योंकि उनकी…