MP में कितना है ओबीसी वर्ग, सामने आई जानकारी, ग्रामीण में 50 के करीब तो शहरों में 44 फीसदी ओबीसी वर्ग

भोपाल। राज्य सरकार की ओबीसी वर्ग की गणना की तैयारी पूरी हो गयी है. जल्द ही शिवराज सरकार कोर्ट में ये आंकड़े रखेगी. सर्वे के बाद जो आंकड़े निकल कर आए हैं. उसके मुताबिक मध्य प्रदेश में शहरी क्षेत्र में 45 और ग्रामीण इलाकों में 48 फीसदी ओबीसी वोटर हैं. इसके आधार पर अब राज्य सरकार पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण बढ़ाए जाने की मजबूत दलील रखेगी.

सरकारी नौकरी में कितने OBC, सरकार के पास डाटा नहीं
शहरी और ग्रामीण स्तर पर डाटा जमा कर चुकी सरकार के पास अभी सरकारी विभागों में नौकरी कर रहे ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों का डाटा नहीं है. सभी प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के पदों पर कार्यरत इस वर्ग के लोगों के वास्तविक आंकड़े सरकार के पास नहीं उपलब्ध नहीं पहुंचे हैं. पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग द्वारा पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के डाटा की जानकारी मांगी है. सभी जिलों से पंचायत स्तर पर ओबीसी वोटर्स की संख्या कितनी है. अनारक्षित सीटों पर जीते ओबीसी वर्ग के नेताओं की संख्या कितनी है इसकी जानकारी मांगी गई थी. इसके लिए जनवरी के पहले सप्ताह की टाइम लिमिट भी तय की गई थी, लेकिन समय पर जानकारी नहीं आ सकी. हालांकि स्पष्ट जानकारी हासिल होने और टेबुलेशन में अभी कुछ समय लगना तय माना जा रहा है.

ग्रामीण में 50%, शहरी में 45% से ऊपर ओबीसी आबादी
सूत्रों के मुताबिक अभी आंकड़े पूरी तरह से साफ नहीं हैं, क्योंकि कई जिलों से जिस फार्मेट में जानकारी मांगी गई थी उसमें न देकर अलग फॉर्मेट में भेजी गई है. इसका जो औसत प्रतिशत आता है उसके मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में ओबीसी वोटर 48 से 50 प्रतिशत वहीं शहरी क्षेत्र में 45 प्रतिशत ओबीसी वोटर होने का अनुमान लगाया जा रहा है.


ओबीसी वर्ग से जुड़ी अन्य जानकारियां भी आईं सामने
पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग द्वारा आयोग के सामने ओबीसी वर्ग से संबंधित डाटा जुटाए जाने के दौरान अन्य जानकारियां भी सामने आई हैं. जिनमें

-ओबीसी वर्ग की ज्यादा रुचि स्वरोजगार योजनाओं में नहीं है.

– दुकान, ठेकेदारी, छोटे व बड़े उद्योगों में इस वर्ग की भागादारी कम है और सरकारी नौकरियां आसानी से सुलभ नहीं हैं.

इसी सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर आयोग रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगा. आयोग ने अभी सरकारी विभागों में कार्यरत ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों की जानकारी भी मांगी है. इस गणना के आधार पर सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी और मध्य प्रदेश में जनसंख्या के हिसाब से ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण दिए जाने को जायज ठहराएगी.

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