कानपुर: शहर की कैंट सीट को कब्जाने के लिए अब गृह मंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाला है. वह दो फरवरी को शहर आएंगे. इसके अलावा वह गोविंद नगर विधानसभा सीट पर प्रबुद्ध जन सम्मेलन में कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार भी करेंगे.
शहर की महत्वपूर्ण मानी जाने वाली कैंट सीट पर मौजूदा समय में कांग्रेस विधायक सोहेल अंसारी काबिज हैं. यह सीट 2012 में भाजपा के कब्जे में थी. 2017 के चुनाव में जब कांग्रेस और सपा का गठबंधन हुआ था तब यह सीट खिसककर इन दोनों दलों की झोली में चली गई थी. ऐसे में लंबे समय से भाजपा इस सीट को फिर से अपनी झोली में लाने के लिए मशक्कत कर रही है. इसी कड़ी में गृहमंत्री अमित शाह इस विधानसभा में प्रचार के लिए दो फरवरी को शहर आ रहे हैं. यहां वह मतदाताओं को अपने अंदाज में रिझाएंगे. इस सीट पर पार्टी ने पूर्व विधायक रघुनंदन भदौरिया पर भरोसा जताते हुए फिर से टिकट दिया है.
अगर साल 2017 के चुनावी आंकड़े देखें जाए तो पता चलेगा कि सोहेल अंसारी व रघुनंदन के बीच हार-जीत का अंतर लगभग नौ हजार वोटों का था. सोहेल अंसारी को करीब 81 हजार वोट मिले थे तो वहीं रघुनंदन सिंह भदौरिया को लगभग 72 हजार वोट मिले थे. एक दिलचस्प बात यह भी है, कि इस सीट पर वर्ष 2012 में रघुनंदन सिंह भदौरिया ने जीत हासिल कर कमल खिला दिया था, तब रघुनंदन सिंह भदौरिया को लगभग 42 हजार वोट मिले थे.
साढ़े तीन लाख मतदाता, 60 फीसदी मुस्लिम वोट
गृहमंत्री अमित शाह का कैंट में घर-घर जाकर वोट मांगना इस नजरिए से भी अहम है क्योंकि इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या लगभग साढ़े तीन लाख है. इन मतदाताओं में करीब 60 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं. यह शहर की दस विधानसभा सीटों में मुस्लिम बाहुल्य वाली सीट है. गृह मंत्री अमित शाह का कानपुर दौरा इसी सीट पर केंद्रित रहेगा.