मध्य प्रदेश में सोमवार को एक और बीजेपी कार्यकर्ता छत्रपाल सिंह रावत की ग्वालियर में हत्या कर दी गई। वहीं जबलपुर में हमले के बाद एक बीजेपी पदाधिकारी मगन सिद्दीकी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। इसी के साथ मध्य प्रदेश में बीते एक हफ्ते में बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या का यह तीसरा मामला है।
बीजेपी पार्टी काडर ने मामले में मध्य प्रदेश सरकार पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए सोमवार को बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया था। इस दौरान ‘कमलनाथ मुर्दाबाद’ और ‘कमलनाथ इस्तीफा दो’ के नारे भी लगाए गए थे। हालांकि पुलिस ने इन हत्याओं के पीछे किसी राजनीतिक साजिश से इनकार किया है।
ग्वालियर से बीजेपी कार्यकर्ता छत्रपाल बस कंडक्टर के रूप में काम करते थे। वह बीजेपी के जिला सचिव (ग्रामीण) नरेंद्र रावत के चचेरे भाई थे। उनका शव शहर के बाहरी इलाके में पार्वती नदी के पास एक पुल के नीचे मिला था। सूत्रों के अनुसार, नरेंद्र उस वक्त बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या पर विरोध-प्रदर्शन के लिए कांग्रेस नेताओं के पुतले तैयार कर रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें उनके भाई की हत्या के बारे में सूचित किया। एक स्थानीय निवासी ने बताया, ‘नरेंद्र ग्वालियर के ग्रामीण इलाके में प्रदर्शन के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ शामिल हुए थे।’
इससे पहले रविवार को बड़वानी के बीजेपी मंडल के अध्यक्ष मनोज ठाकरे की हत्या उस समय हुई जब वह मॉर्निंग वॉक के लिए घर से निकले थे। बड़वानी के एसपी ने बताया था कि रविवार को बीजेपी नेता मनोज ठाकरे का शव एक खेत में मिला। पुलिस के मुताबिक, वह मॉर्निंग वॉक पर गए थे। पुलिस को शव के पास खून से सना पत्थर मिला। ऐसे में माना जा रहा है कि पत्थर से उनकी हत्या की गई है। जबकि शुक्रवार को बीजेपी नेता प्रहलाद बंधवार की पिछले दिनों गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। ग्वालियर के एसपी नवनीत भसीन ने बताया, ‘हम अभी हत्या के पीछे की साजिश नहीं पता लगा पाए हैं। फरेंसिक एक्सपर्ट इस पर काम कर रहे हैं।’
इन हत्याओं को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान भी ट्वटिर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कांग्रेस सरकार को चेतावनी भी दी कि अगर इन घटनाओं पर अंकुश नहीं लगा तो बीजेपी के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आएंगे।