बैतूल। घोड़ाडोंगरी तहसील के बगडोना में सीबीआई टीम ने भविष्य निधि कार्यालय अधीक्षक को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है. वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड पाथाखेड़ा के कार्यालय अधीक्षक (भविष्य निधि) मुरलीधर धनानी को ट्रैप करने से एक दिन पहले ही सीबीआई की टीम ने डब्ल्यूसीएल कार्यालय और रीजनल वर्कशॉप ऑफिस सहित शहर का जायजा लिया था. जिस वक्त कार्रवाई की गई, उस समय तक सीबीआई के वाहनों पर बैतूल जिले की नंबर प्लेट लगी थी, रिश्वत लेते ट्रैप करने के बाद ही वाहनों के नंबर प्लेट बदल दिए गए.
शहर में रेकी करती सीबीआई टीम
रविवार को रेकी, सोमवार को मारा छापा
बताया जा रहा है कि रविवार को पूरे दिन सीबीआई की टीम डब्ल्यूसीएल कार्यालय, रीजनल वर्कशॉप और शहर का जायजा लेती रही, इसके बाद सीबीआई की टीम बैतूल रवाना हो गई. रात से दोपहर तक टीम बैतूल में रही. इसके बाद शाहपुर, शोभापुर, बगडोना और रीजनल वर्कशॉप के लिए अलग अलग टीम रवाना हुई. सोमवार को करीब 4 बजे मुरलीधर धनानी (कार्यलय अधीक्षक भविष्य निधि) के एक साथ 4 ठिकानों पर सीबीआई की टीम ने दबिश दी. तब से टीम सबूत खंगाल रही है. जिस एंजल ब्रोकर के कार्यालय में मुरलीधर को रिश्वत लेते सीबीआई ने रंगे हाथ पकड़ा है. वहां पर चाय, बिस्किट, नमकीन, पानी की व्यवस्था की जा रही है. इससे यह तो तय है कि देर रात तक कारवाई का दौर जारी रहेगा.
शहर का जायजा लेते सीबीआई अधिकारी
सीबीआई की कार्रवाई से मचा हड़कंप
सीबीआई की चार गाड़ी शहर में घूम रही है, जिसमें करीब 18 अधिकारी मौजूद हैं. सभी गाड़ी अलग अलग स्थानों पर घूमती रही. कारवाई के समय कोई नमकीन खरीद रहा था तो कोई हार्डवेयर शॉप पर भाव कर रहा था. ट्रैपिंग के बाद सभी इकट्ठे हुए और अलग अलग जगहों के लिए टीम रवाना हुई. शिवम बाथरी ने बताया कि उन्होंने 7 जनवरी को सीबीआई भोपाल से शिकायत की थी. कार्रवाई के दौरान पूरे समय डब्ल्यूसीएल के अधिकारियों और शिवम को सीबीआई ने अपने साथ रखा. वहीं रिश्वत लेने वाले मुरलीधर को पीछे बैठा रखा है.
CBI टीम ने घूसखोर कार्यलाय अधीक्षक को दबोचा
अपने अधिकारी की मौत पर परिजनों से मांगी रिश्वत
मुरलीधर पहले सतपुड़ा टू खदान में कार्यरत थे और शाहपुर में रहते थे, जबकि शोभापुर कॉलोनी में भी डब्ल्यूसीएल का आवास है. अधिकांश नौकरी शाहपुर से करते थे. जब से सतपुड़ा टू खदान बंद हुई है, तब से मुरलीधर रीजनल वर्कशॉप में कार्यालय अधीक्षक भविष्य निधि के पद पर कार्यरत हैं. मुरलीधर की प्रति माह सेलरी 1 लाख 20 हजार रुपए से अधिक है. सेवानिवृत होने को महज तीन माह बाकी है. मुरलीधर धनानी जिस शिवम बाथरी से रिश्वत ले रहे थे, उसी के पिता कमल बाथरी के अधीनस्थ कार्यरत था. अपने अधिकारी की मौत के बाद उसके परिजनों से भी मुरलीधर रिश्वत लेने से पीछे नहीं हटा. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुरलीधर कितने सेवानिवृत कर्मियों और समय से पहले अपनी जान गंवाने वाले कोलकर्मियों से रिश्वत ली होगी.
6400 रुपए मांगी थी रिश्वत की पहली किस्त
रीजनल वर्कशॉप में मैनेजर के पद पर कार्यरत कमल बाथरी की मौत के बाद परिवार से भविष्य निधि निकालने के लिए रिश्वत की मांग की गई थी, पहली किस्त के तौर पर 6400 रुपए शिवम बाथरी से भविष्य निधि कार्यालय अधीक्षक मुरलीधर धनानी ने मांगी थी. जिसकी शिकायत शिवम बाथरी ने 7 जनवरी को सीबीआई भोपाल से की थी. शिवम की शिकायत पर सोमवार शाम को भोपाल सीबीआई की टीम जांच करने बगडोना पहुंची. कार्यालय में मुरलीधर नहीं मिला. इसके बाद रिश्वत की मांग पास के ही एंजल ब्रोकिंग के आफिस में मांग की.
कार्यालय अधीक्षक मुरलीधर रिश्वत लेते धराया
6400 रुपए की रिश्वत लेते सीबीआई की टीम ने मुरलीधर को रंगेहाथ पकड़ लिया. बताया जा रहा है कि पहले सीबीआई की टीम डब्ल्यूसीएल आफिस पहुंची, फिर रीजनल वर्कशॉप और फिर एंजल ब्रोकिंग ऑफिस पहुंचकर कार्रवाई की जा रही है. 3:45 बजे से कारवाई चल रही है. सीबीआई टीम में डीएसपी अतुल हजेला, इंस्पेक्टर राहुल राज, सतीश बवाल, हिमांशु चौबे शामिल हैं. सब इंस्पेक्टर दीप शर्मा की टीम ने मुरलीधर धनानी को रिश्वत लेते ट्रैप किया है.