नई दिल्ली : कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट पर लगाम लगाने की कवायद जारी है. इसी कड़ी में आज से कोरोना टीके की तीसरी डोज मिलनी शुरू हो गई है. जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज मिलेगी उनमें फ्रंटलाइन वर्कर और स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं. बता दें कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव कराए जाने हैं. इन राज्यों में चुनावी ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर माना गया है.
लगभग 2.75 करोड़ बुजुर्गों को तीसरा कोरोना टीका
एक अनुमान के मुताबिक करीब 5.7 करोड़ लोगों को कोरोना टीके की तीसरी डोज दी जानी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक 1.05 करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों, 1.9 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 वर्ष से अधिक उम्र के अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 2.75 करोड़ लोगों को तीसरा कोरोना टीका दिया जाएगा.
टीका लगवाना न भूलें, सरकार ने मोबाइल पर भेजे मैसेज
इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने रविवार को ट्वीट कर बताया था कि कोरोना वैक्सीन की एहतियाती खुराक के लिए एक करोड़ से अधिक अग्रिम मोर्चा के कर्मियों और वरिष्ठ नागरिकों को एसएमएस भेजे गए हैं. उन्होंने कहा कि मोबाइल नंबर पर भेजे गए संदेश स्मरण कराने के लिए भेजे गए हैं.
बुजुर्गों को तीसरा कोरोना टीका लगवाने के लिए क्या जरूरी
- 60 साल से अधिक आयु के उन बुजुर्गों को बूस्टर डोज दी जाएगी, जो किसी गंभीर रूप से किसी बीमारी से जूझ रहे हैं.
- बूस्टर डोज के लिए कोविन एप पर ठीक उसी तरह रजिस्ट्रेशन करना होगा जैसा वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज के वक्त किया था.
- दूसरी डोज लेने के 9 महीने (39 हफ्ते) बाद ही तीसरी यानी बूस्टर डोज दी जाएगी.
- उसी टीके की बूस्टर डोज़ दी जाएगी जिसकी पहले से दो डोज ले चुके हैं. मसलन कोवैक्सीन की दो डोज़ लेने वालों को बूस्टर डोज़ के तौर पर कोवैक्सीन और कोविशील्ड की दो डोज़ ले चुके बुजुर्गों को बूस्टर डोज़ के तौर पर कोविशील्ड ही दी जाएगी.
- को-मॉर्बिडिटी (Comorbidities) यानी किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं तो रजिस्ट्रेशन के वक्त पूछा जाएगा. जवाब हां में होने पर वैक्सीनेशन के लिए रजिस्टर्ड डॉक्टर से मिला को-मॉर्बिडिटी सर्टिफिकेट दिखाना होगा.
- इस सर्टिफिकेट को कोविन प्लेटफॉर्म पर अपलोड भी कर सकते हैं या फिर वैक्सीनेशन सेंटर पर भी इसकी कॉपी साथ ले जा सकते हैं.
पहले से हों बीमारियां तब भी मिलेगा तीसरा टीका
सरकार द्वारा बुजुर्गों के पहले डोज़ के वक्त ही कोमॉर्बिटीज यानि उन गंभीर बीमारियों की सूची जारी की गई थी जिसका सर्टिफिकेट दिखाने पर उन्हें वैक्सीनेशन में तरजीह दी गई थी. इन बीमारियों में डायबिटीज, किडनी डिजीज या डायलिसिस, कार्डियोवेस्कुलर, स्टेमसेल ट्रांसप्लांट, कैंसर, सिरोसिस, सिकल सेल डिजीज, सांस लेने की गंभीर बीमारी, मूक बधिर या अंधापन जैसी कई विक्लांगता, हाई सपोर्ट की जरूरत वाले विकलांग, रेसपिरेटरी सिस्टम पर एसिड अटैक, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी आदि शामिल है.
- कुल मिलाकर आपको डॉक्टर से एक ऐसा मेडिकल सर्टिफिकेट लेना होगा. जो बताए कि आप किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं जिसके चलते आप कोरोना वायरस का आसान शिकार हो सकते हैं.
हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर
बता दें कि को-विन एप पर बूस्टर डोज के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुक्रवार (8 जनवरी) से शुरू हुआ था. भारत में हेल्थ केयर वर्कर्स तकरीबन 1 करोड़ हैं. इनमें डॉक्टर, नर्स, हॉस्पिटल स्टाफ, आशा वर्कर्स, आंगनबाड़ी वर्कर्स शामिल हैं. फ्रंटलाइन वर्कर्स की संख्या 2 करोड़ है. इसमें पुलिसकर्मी, केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवान, सेना के जवान, होम गार्ड, सिविल डिफेंस संगठन, डिजास्टर मैनेजमेंट वॉलिंटियर्स, नगर निकाय कर्मी शामिल हैं.
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने गत 25 दिसंबर, 2021 को एलान किया था कि तीन जनवरी से 15 साल से 18 साल के आयु वर्ग के बच्चों को वैक्सीन दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि 10 जनवरी से हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स को प्री-कॉशन डोज दी जाएगी. साथ ही 10 जनवरी से 60 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों या गंभीर बीमारी से पीड़ितों को भी डॉक्टर की सलाह पर प्री-कॉशन डोज यानि बूस्टर डोज दी जाएगी.