नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत की 90 फीसदी से अधिक वयस्क आबादी को कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक मिल चुकी है।
प्रधानमंत्री कोलकाता में चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के दूसरे परिसर का वस्तुत: उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, कि आज भारत की वयस्क जनसंख्या में से 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की एक डोज लग चुकी है। सिर्फ 5 दिन के भीतर ही डेढ़ करोड़ से ज्यादा बच्चों को भी वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ये उपलब्धि पूरे देश की है, हर सरकार की है। मैं विशेष रूप से इस उपलब्धि के लिए देश के वैज्ञानिकों का, वैक्सीन मैन्यूफैक्च र्स का, हमारे हेल्थ सेक्टर से जुड़े साथियों का धन्यवाद करता हूं। सबके प्रयासों से ही देश ने उस संकल्प को शिखर तक पहुंचाया है, जिसकी शुरूआत हमने शून्य से की थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नया परिसर पश्चिम बंगाल के लोगों को विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को सस्ती और अत्याधुनिक देखभाल सुविधा प्रदान करने में एक लंबा सफर तय करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, देश के प्रत्येक नागरिक को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के संकल्प की यात्रा में हमने एक और मजबूत कदम उठाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि साल की शुरूआत देश ने 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन से की थी। वहीं आज साल के पहले महीने के पहले हफ्ते में ही, भारत 150 करोड़ यानी 1.5 अरब वैक्सीन डोजेज का ऐतिहासिक मुकाम भी हासिल कर रहा है।
उन्होंने कहा कि एक साल से भी कम समय में 150 करोड़ की खुराक एक महत्वपूर्ण उपलब्धि और देश की इच्छा शक्ति का प्रतीक है। मोदी ने कहा कि यह देश के नए आत्मविश्वास, आत्मनिर्भर भारत और गौरव को प्रदर्शित करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण जैसे-जैसे मामले बढ़ रहे हैं, वैक्सीन की 150 खुराक का यह कवच और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अब तक पश्चिम बंगाल को भी कोरोना वैक्सीन की करीब-करीब 11 करोड़ डोज मुफ्त मुहैया कराई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि बंगाल को डेढ़ हजार से अधिक वेंटिलेटर, 9 हजार से ज्यादा नए ऑक्सीजन सिलेंडर भी दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 49 पीएसए नए ऑक्सीजन प्लांट्स ने भी काम करना शुरू कर दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना आज एफोर्डेबल और समावेशी स्वास्थ्य देखभाल के मामले में एक ग्लोबल बेंचमार्क बन रही है। पीएम-जेएवाई के तहत देशभर में 2 करोड़ 60 लाख से ज्यादा मरीज, अस्पतालों में अपना मुफ्त इलाज करा चुके हैं। अनुमान बताते हैं कि योजना के अभाव में मरीजों को 50 से 60 हजार करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते थे। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 17 लाख से अधिक कैंसर रोगी भी लाभान्वित हुए।
यह योजना कैंसर, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों की नियमित जांच के माध्यम से गंभीर बीमारियों का शीघ्र पता लगाने और शीघ्र उपचार को बढ़ावा दे रही है। स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र इस अभियान में मदद कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल में भी ऐसे 5 हजार से अधिक केंद्र बनाए गए हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि देश में 15 करोड़ से अधिक लोगों की ओरल, सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर की जांच की जा चुकी है।
इस अवसर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया, डॉ. सुभाष सरकार, शांतनु ठाकुर, जॉन बारला और निसिथ प्रमाणिक मौजूद थे।