जयपुर पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पक्ष-विपक्ष जमकर एक दूसरे पर हमलावर है। इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर हमला किया है। उन्होंने आज कहा कि उत्तर प्रदेश में पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जितना अधिक प्रचार करेंगे, भाजपा के जीतने की संभावना उतनी ही कम होगी। इतना ही नहीं सीएम गहलोत ने हाल ही में हरिद्वार और रायपुर में धर्म संसद के मुद्दे पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाया और पूछा कि प्रधानमंत्री ने इस तरह के कृत्यों की निंदा और अपील क्यों नहीं की?
उत्तर प्रदेश में भाजपा के चुनाव प्रचार पर टिप्पणी करते हुए गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने सभी काम छोड़कर उत्तर प्रदेश में डेरा डाल दिया है। उन्होंने कहा, “उन्हें पहले पश्चिम बंगाल में हार का सामना करना पड़ा और मुझे लगता है कि वे जितना अधिक प्रचार करेंगे, उनके जीत की संभावना उतनी ही कम होगी क्योंकि लोग सब कुछ समझते हैं।”
नफरत भरे भाषणों पर पीएम की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए गहलोत ने कहा, “प्रधानमंत्री का संदेश मायने रखता है। प्रधानमंत्री अपील क्यों नहीं करते हैं। उन्हें धर्म संसद में जो हुआ उसकी निंदा करनी चाहिए थी।” उन्होंने कहा कि एक तरफ आप गांधी को अपना रहे हो और एक तरफ गांधी के बारे में जो लफ्ज काम में लिए गए, फिर भी कुछ नहीं बोल रहे हो, तो ये दो बातें नहीं चल सकती हैं।
रायपुर में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की कथित तौर पर प्रशंसा करने के आरोप में हिंदू धर्मगुरु कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी पर टिप्पणी करते हुए गहलोत ने कहा कि जब देश में इस तरह का माहौल है, तो लोग ऐसी बातें कहने की हिम्मत करते हैं। उन्होंने कहा कि देश में हालात खतरनाक हैं और इसमें सुधार की जरूरत है।
गहलोत ने कहा कि कांग्रेस विपक्ष के रूप में अपना कर्तव्य निभा रही है और राहुल गांधी सभी मुद्दों को उठाते रहे हैं, चाहे वह मुद्रास्फीति हो, बेरोजगारी हो या कोरोनावायरस वैक्सीन हो। यह सत्ताधारी दल की जिम्मेदारी है कि वह सभी के हित में विपक्ष की भावनाओं का सम्मान करे।
गहलोत ने कहा कि देश तभी आगे बढ़ेगा जब एकता, भाईचारा और सद्भाव होगा और इसे सुनिश्चित करने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है।
विपक्ष अपना कर्तव्य निभा रहा है। राहुल गांधी वह व्यक्ति हैं जिन्होंने पिछले साल फरवरी में कोरोनावायरस पर सरकार को चेतावनी दी थी। उन्होंने टीके, मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और अन्य मुद्दों के बारे में बात की थी। यह सत्ता में पार्टी की जिम्मेदारी है कि वह लोगों की भावनाओं का सम्मान करे।