भोपाल। साल 2021 मध्य प्रदेश के लिए राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण रहा. उपचुनाव में बीजेपी-कांग्रेस में कांटे की टक्कर दिखी, तो कोरोना काल में सरकार और विपक्ष आमने-सामने आया. पंचायत चुनाव की घोषणा तो हुई, लेकिन बढ़ते संक्रमण और ओबीसी आरक्षण के मसले पर वो टल गया. सालभर की राजनीतिक उथल-पुथल पर एक रिपोर्ट.
उपचुनाव 2021
एमपी में साल 2021 में 5 सीटों के लिए उपचुनाव हुए. इनमें से चार (दमोह, रैगांव, जोबट और पृथ्वीपुर) विधानसभा की सीटें थी, जबकि खंडवा लोकसभा सीट के लिए भी उपचुनाव हुए. 5 सीटों में से विधानसभा की दो सीटें दमोह और रैगांव पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की. जबकि खंडवा लोकसभा सहित तीन सीटों पर भाजपा काबिज हो गई.
07 मार्च 2021
राहुल ने कहा कि सिंधिया ने धैर्य दिखाया होता तो भविष्य में मुख्यमंत्री बन सकते थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस छोड़ने वाले बड़े नेता भाजपा में पिछली बेंचों पर बैठे हैं, उन्होंने कहा कि वे प्रतिद्वंद्वी पार्टी में कभी मुख्यमंत्री नहीं बन सकते.
02 अप्रैल2021
राज्य कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने सत्तारूढ़ भाजपा पर राज्य के लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने कचरा संग्रहण और जल उपकर पर नागरिक शुल्क में भारी वृद्धि को वापस ले लिया है, हालांकि यह केवल किया गया है निलंबित.
17 अप्रैल 2021
दमोह विधानसभा उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई. दमोह उपचुनाव में कुल 22 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमाने उतरे थे. उनमें से कांग्रेस के प्रत्याशी अजय टंडन ने बीजेपी के प्रत्याशी को 17 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है. बीजेपी ने दमोह में जीत के लिए कई मंत्रियों को अहम जिम्मेदारी सौंपी थी लेकिन वो किसी काम नहीं आई. नतीजा ये रहा कि बीजेपी प्रत्याशी राहुल लोधी को करारी हार का मुंह देखना पड़ा.
25 अप्रैल2021
पूर्व सीएम कमलनाथ ने बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाए थे कि सीएम अभी भी “रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के प्रयासों के बारे में बस बात कर रहें, जबकि लोग कोरोना से अपनी जान गंवा रहे हैं.
07 मई 2021
बीजेपी ने जयंत मलैया के बेटे सहित पांच अन्य को ‘पार्टी विरोधी’ गतिविधियों के लिए निलंबित कर दिया. दमोह उपचुनाव के दौरान “पार्टी विरोधी गतिविधियों” के लिए कार्रवाई करते हुए युवा नेता सिद्धार्थ मलैया, पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के बेटे और पांच मंडल प्रमुखों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया.
21 मई 2021
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि उनके पास हाई प्रोफाइल हनीट्रैप कांड से जुड़ी पेन ड्राइव है. उनके इसी बयान को लेकर एसआईटी ने कमलनाथ से सीडी या पेन ड्राइव लेने और पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था. हालांकि बाद में कमलनाथ ने हनीट्रेप से जुड़ी कोई भी पेन ड्रायव उनके पास होने से इनकार कर दिया था. पूर्व सीएम ने सोनिया भारद्वाज आत्महत्या मामले की न्यायिक जांच की मांग की थी.
01 जून 2021
राज्य विधानसभा ने चल रहे कोविड-19 संकट के बीच विधायकों के वेतन और भत्ते बढ़ाने की कवायद शुरू कर की. अध्यक्ष गिरीश गौतम ने वरिष्ठतम विधायक केदार शुक्ल की अध्यक्षता में एक समिति गठित की, जो प्रस्तावों की जांच करेगी और वेतन वृद्धि की सिफारिशों को आगे बढ़ाएगी.
मोदी कैबिनेट में एमपी के छह मंत्रियों के साथ सांसद का बोलबाला
08 जुलाई 2021
नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार होने के बाद मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले मंत्रियों की संख्या बढ़कर छह हुई. ज्योतिरादित्य सिंधिया और वीरेंद्र खटीक ने शपथ ली. इस फेरबदल के बाद ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड दो-दो केंद्रीय मंत्रियों के साथ एमपी की स्थिति मजबूत हुई.
10 जुलाई 2021
सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण पर आमने-सामने दिखें, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीसीसी प्रमुख कमलनाथ पर तीखा हमला किया, दरअसल कमलनाथ ने कहा था कि भाजपा सरकार “पिछड़ा वर्ग विरोधी मानसिकता” रख रही है.
13 जुलाई 2021
भाजपा की लोकसभा सदस्य प्रज्ञा ठाकुर ने जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाने और लागू करने की मांग की. उन्होंने बढ़ती जनसंख्या को देश के विकास में बाधा बताया. वहीं पूर्व प्रोटेम स्पीकर और भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर यूपी की तरह कानून बनाने की मांग की.
21 अक्टूबर 2021
दिवाली से पहले राज्य सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों को बड़ी राहत दी. राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 8 फीसदी बढ़ाने का निर्णय किया. इसके साथ ही प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों को मिलने वाला कुल महंगाई भत्ता 12 फीसदी से बढ़कर 20 फीसदी हो गया. सरकार के इस फैसले का लाभ प्रदेश के 7 लाख सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा.
2 नवंबर 2021
30 अक्टूबर को खंडवा लोकसभा और तीन विधानसभा (रैगांव, जोबट और पृथ्वीपुर) सीट के लिए वोट डाले गए. वोटों की गिनती 2 नवंबर को की गई. जिसमें खंडवा लोकसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार ज्ञानेश्वर पाटिल ने जीत दर्ज की. जबकि रैगांव विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा हुआ. वहीं बाकी की दो विस सीटों पर भगवा फहराया.
4 दिसंबर 2021
राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने शनिवार शाम मध्य प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव का ऐलान कर दिया. प्रदेश में चुनाव तीन चरणों में कराए जाएंगे. पहला मतदान अगले साल 6 जनवरी, दूसरा मतदान 28 जनवरी और तीसरा मतदान 16 फरवरी को होगा.
28 दिसंबर 2021
मध्यप्रदेश में फिलहाल पंचायत चुनाव नहीं होंगे. राज्य निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को कानूनी सलाह लेने के बाद चुनाव को निरस्त करने का फैसला लिया है. आयोग ने कहा है कि जिन कैंडिडेट ने नामांकन के साथ जमानत राशि जमा की है, उन्हें यह राशि वापस की जाएगी. आयोग ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के दो सीनियर एडवोकेट से पंचायत चुनाव पर राय ली. सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर को ओबीसी के लिए रिजर्व सीटों को सामान्य घोषित कर चुनाव कराने का आदेश दिया था. इसी बीच सरकार ने पंचायत राज संशोधन अध्यादेश वापस लेकर संकेत दे दिया था कि अब पंचायत चुनाव होना संभव नहीं है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा कहा था कि पंचायत चुनाव टलेंगे।