भगत सिंह कोश्यारी महाराष्ट्र के राज्यपाल बने, जानिए उनका राजनीतिक भविष्य

Uncategorized देश प्रदेश

नई दिल्ली,: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र राज्य का राज्यपाल नियुक्त किया गया

भगत सिंह कोश्यारी भारतीय राजनीति में उत्तर भारत का एक परिचित नाम है, वे वर्तमान महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। जो भारतीय जनता पार्टी से सम्बधित एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वे उत्तराखण्ड राज्य के द्वितीय सफल मुख्यमन्त्री तथा उत्तराखण्ड विधानसभा में 2002 से 2007 तक विपक्ष के शीर्ष नेता रह चुके हैं। 31 अगस्त 2019 को श्री भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया

प्रारम्भिक तथा व्यक्तिगत जीवन

भगत सिंह कोश्यारी का जन्म १७ जून १९४२ को उत्तराखण्ड के कुमांऊँ क्षेत्र के अल्मोड़ा जिले के एक गॉंव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अल्मोड़ा में पूरी की और उसके पश्चात उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में आचार्य की उपाधि प्राप्त की।

राजनैतिक जीवन का प्रारम्भ

कोश्यारीजी का राजनैतिक जीवन का प्रारम्भ शिक्षणकाल के दौरान ही प्रारम्भ हो गया था। शिक्षणकाल में ही अपने जीवन को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिये समर्पित कर चुके हैं। वर्ष २००५-२००७ के बीच वे भारतीय जनता पार्टी के उत्तराखण्ड राज्य प्रमुख थे। उस समय मतबर सिंह कण्डारी विपक्ष के नेता थे।

राजनैतिक जीवन

वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े। १९७७ में आपातकाल के समय उन्होंने विरोध किया और उन्हें बंदी बनाया गया। वर्ष २००० में उन्हें नए बने राज्य उत्तरांचल (अब उत्तराखण्ड) का ऊर्जा, सिंचाई, कानून और विधायी मामलों का मंत्री नियुक्त किया गया। २००१ में वे नित्यानन्द स्वामी के स्थान पर मुख्यमंत्री बने। उन्होंने उत्तराखण्ड में भाजपा के राज्य अध्यक्ष का भी पदभार सम्भाला। २००२ के राज्य विधानसभा चुनावों में अपने दल की हार के पश्चात उन्होंने मुख्यमंत्री का पदत्याग किया और उत्तरांचल विधानसभा में विपक्ष के नेता बने।

वर्ष २००७ के राज्य विधानसभा चुनावों में में भाजपा की जीत के पश्चात भी उन्हें मुख्यमंत्री न बनाकर उनके प्रमुख प्रतिद्वन्दी मेजर जनरल भुवन चन्द्र खण्डूरी को मुख्यमंत्री बनाया गया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व को उनकी प्रशासनिक योग्यता पर विश्वास नहीं था जबकि उन्हें संघ और अधिसंख्य विधायकों का समर्थन प्राप्त था। अब वे राज्यसभा के सदस्य हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *