लखनऊ: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेताओं के घर छापेमारी हुई. चुनावों से पहले हुई इस छापेमारी से राज्य की सियासत गर्मा गई है. समाजवादी पार्टी इसे बीजेपी की हार का डर बता रही है जबकि बीजेपी के नेताओं का कहना है कि इस मुद्दे का चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तो यहां तक कह दिया है कि समय आने पर उनके साथ भी वैसा ही होगा.
आईटी रेड के बाद तेज हुई सियासी हलचल
यूपी में शनिवार को 4 अलग-अलग शहरों में हुई आईटी रेड (IT Raid) के बाद राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है क्योंकि ये सभी रेड समाजवादी पार्टी के नेताओं और अखिलेश यादव के करीबियों के ठिकानों पर हुई हैं. उत्तर प्रदेश के 4 शहरों लखनऊ , मैनपुरी , आगरा और मऊ में अखिलेश के तीन करीबियों राजीव राय, जैनेंद्र यादव, मनोज यादव पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के छापे पड़े.
छापेमारी में मिले सिर्फ 17 हजार रुपये- राजीव राय
इस बीच सपा के राष्ट्रीय सचिव राजीव राय ने कहा कि और भी जांच हो मैं इसका स्वागत करूंगा. 15 घंटे की छापेमारी के बाद आयकर विभाग (IT) की टीम को केवल 17 हजार रुपये मिले हैं. मेरे नाम के साथ ना कोई आपराधिक रिकॉर्ड था और ना ही होगा.
अखिलेश यादव ने दी चेतावनी
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव शनिवार को रायबरेली में थे. उन्होंने वहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि अभी तो दिल्ली से बाकी एजेंसियां भी आएंगी. यूपी में इन छापेमारियों को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि जो वो कर रहे हैं उनके साथ भी वैसा ही होगा.लेकिन बीजेपी नेता इस पूरी रेड को चुनावों से अलग बता रहे हैं. योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि इससे चुनाव का कोई लेना देना नहीं है क्योंकि ये विभागीय प्रक्रिया है. अगर आर्थिक अपराध हुआ है तो विभाग अपनी कार्रवाई कर रहा है.यूपी चुनावों से पहले हुई इस रेड से समाजवादी पार्टी का गुस्सा सातवें आसमान पर है जबकि बीजेपी ये चुनाव और राजनीति से अलग बता रही है. अब ये सिर्फ संयोग है या फिर कोई इसकी आड़ में राजनीतिक प्रयोग करना चाह रहा है ये तो आने वाला समय ही बताएगा.