जबलपुर:मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आरवी मलिमथ व न्यायाधीश विजय कुमार शुक्ला की खंडपीठ ने मध्य प्रदेश के होमगार्ड जवानों को साल भर आरक्षकों के समान वेतन दिये जाने का आदेश दिया है।
यह प्रकरण मध्य प्रदेश के होमगार्डस से संबंधित है। वर्ष 2010 में होमगार्डस कर्मचारियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा याचिका दायर कर नियमितीकरण, आरक्षकों के समान वेतन, पूरे वर्ष कार्य प्रदान करने एवं अन्य अनुतोष की प्रार्थना की गई, जिसे वर्ष 2011 में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आंशिक रूप से स्वीकार कर मध्य प्रदेश शासन को आदेशित किया कि वे होमगार्डस की सेवा नियम बनाये एवं उन्हें पूरे वर्ष कार्य पर रखा जाए। इस आदेश को शासन द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी, पर उच्च न्यायालय का आदेश यथावत रहा।
वर्ष 2016 में शासन ने नियम बनाये और आदेश के विपरीत पुन: वर्ष में 2 माह का बाध्य काल ऑफ का प्रावधान रखा जिसे मानिए उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी एवं याचिकाएं लंबित है, इसी दौरान वर्ष 2020 में होमगार्ड विभाग द्वारा बाध्य काल ऑफ का आदेश जारी किया गया जिसमें अनेक याचिकाएं प्रस्तुत की गई और माननीय न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश जारी किया पर जब विभाग ने आदेश का पालन नहीं किया तो अवमानना याचिकाएं प्रस्तुत की गई, जिसमें विस्तृत सुनवाई पश्चात निराकृत किया गया, निराकरण के दौरान शासन के अधिवक्ता ने माननीय न्यायालय के सामने स्वीकार किया कि वे याचिकर्ताओं को याचिका के लंबित रहने के दौरान पूर्ण वर्ष काम देंगे तथा जिन्हें पूर्व में काल ऑफ किया गया था उन्हें 2 माह का वेतन देंगे, इसी के साथ अवमानना याचिका निराकृत हुई, याचिकार्ताओं का पक्ष अधिवक्ता विकास महावर ने रखा।
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