सीएम गहलोत ने बिपिन रावत और अन्य सैन्य अधिकारियों को दी श्रद्धांजलि

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जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने शनिवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और अन्य सैन्य अधिकारियों-कर्मियों को श्रद्धांजलि दी. अमर जवान ज्योति पर हुए इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मंत्रिपरिषद के सदस्य, अन्य जनप्रतिनिधि, सेना के अधिकारी-जवान और उनके परिजन के साथ राज्य सरकार के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी पुष्पांजलि अर्पित की.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बिपिन रावत का एक बड़ा अनुभव रहा है. उनके इसी अनुभव के कारण उन्हें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बनाया गया था. उनका जाना देश के लिए बड़ी क्षति है. सीएम गहलोत ने कहा कि इस हादसे में राजस्थान के जवान का भी निधन हुआ है, उनके परिवारों को भी मैं श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं. जवान सेना में जाने के साथ ही राजस्थान का नहीं बल्कि देश का सैनिक बन जाता है. शुरू से ही राजस्थान का इतिहास रहा है कि किसी भी मोर्चे पर हमारे जवान पीछे नहीं हटते हैं.

CM Ashok Gehlot pays tribute to Bipin Rawat

सीएम गहलोत ने दी श्रद्धांजलि

गहलोत ने कहा कि कारगिल से लेकर अब तक जितने भी युद्ध हुए उस सब में राजस्थान के जवानों ने अपनी जान न्यौछावर की है. इससे बड़ी बात यह है कि एक तरफ बेटे की बॉडी आती है तो दूसरी तरफ उनके परिजन कहते हैं कि मैं अपने दूसरे बेटे को भी फौज में भेजूंगा. यह अपने आप में देश के प्रति अपने प्रेम को झलकाता है.

दरअसल, हेलीकॉप्टर दुर्घटना में दिवंगत हुए भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सशस्त्र सेनाओं के अन्य अधिकारियों-कार्मिकों को आज अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान मंत्रिपरिषद के सदस्य, अन्य जनप्रतिनिधि, सेना के अधिकारी-जवान और उनके परिजन के साथ राज्य सरकार के अधिकारी-कर्मचारी भी पुष्पांजलि अर्पित की.

कैसे हुआ था हादसा?

सीडीएस बिपिन रावत अपनी पत्नी मधुलिका रावत और सेना के कई बड़े अफसरों की टीम के साथ बुधवार को दोपहर 11.30 बजे वीवीआईपी चॉपर MI-17 V-5 में सुलूर से कुन्नूर के लिए निकले थे. उन्हें कुन्नूर के डिफेंस सर्विसेज़ स्टाफ कॉलेज में उन्हें लेक्चर देना था. हेलिकॉप्टर ने पूरी तरह से सुरक्षित उड़ान भरी थी.

सीडीएस बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर तकरीबन 50 मिनट का सफर तय कर चुका था. सुलूर से करीब 94 किलोमीटर का हवाई सफर पूरा हो चुका था. अब सिर्फ 10 से 15 किलोमीटर की दूरी और बची थी. वे सफर के आखिरी हिस्से में थे. अचानक हेलिकॉप्टर हिचकोले खाने लगा. पायलट ने संतुलन खोया और चंद मिनट के भीतर हेलिकॉप्टर शोलों में तब्दील हो गया.

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