ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब से कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी का दामन थामा है, तभी से ही ग्वालियर चंबल संभाग में बीजेपी में गुटबाजी तेज हो गई है और यह गुटबाजी अंचल के दोनों ही दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया की बीच चल रही है. वहीं इसको लेकर विपक्ष लगातार आरोप लगा रही है।
बीजेपी में गुटबाजी
दो केंद्रीय मंत्रियों के समर्थकों के बीच गुटबाजी की खबरों को हवा तब मिलती है जब सिंधिया गुट के मंत्री अधिकारियों के साथ अलग बैठक करते हैं और उसके बाद नरेंद्र सिंह तोमर गुट के मंत्री उन्हीं अधिकारियों के साथ दोबारा बैठक करते हैं. ऐसे में अधिकारी भी पशोपेश में है कि आखिर किसकी मानें और किसकी नहीं? इसके साथ ही पार्टी के अंदर चल रही गुटबाजी और श्रेय लेने की होड़ से कहीं ना कहीं विकास अवरुद्ध हो रहा है जिसका जनता को सीधे तौर पर खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.
पेशोपेश में अधिकारी
दरअसल ग्वालियर जिले के प्रभारी मंत्री के तौर पर सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट की ताजपोशी हुई है, ऐसे में अक्सर यहां आकर वो अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश देते हैं. इसी कड़ी में वह ग्वालियर पहुंचे और अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की. इस बैठक में नरेंद्र सिंह तोमर समर्थक मंत्री भारत सिंह भी मौजूद थे, लेकिन उसके एक दिन बाद ही मंत्री भारत सिंह ने अधिकारियों के साथ एकबार फिर समीक्षा बैठक करने का निर्णय लिया. हालांकि, इस बैठक के बुलाए जाने की खबर सत्ता के गलियारों में आई तो गुटबाजी के आरोप लगने लगे, ऐसे में बैठक को आनन-फानन में रद्द किया गया. लेकिन उसके बाद भारत सिंह ने कई विभागों के अधिकारियों को अपने बंगले पर बुलाया और उनके साथ विकास कार्यों को लेकर चर्चा की. इस बार-बार के मंथन से अधिकारी भी कंफ्यूज हैं.
गुटबाजी के चक्कर में जनता परेशान- कांग्रेस
कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह का सीधा आरोप है कि दोनों ही गुटों के लोग आपस में सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा हैं. ऐसे में शहर विकास के मामले में पिछड़ता जा रहा है. उन्होंने कहा कि विकास को लेकर विपक्ष हमेशा सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार है लेकिन बीजेपी को लोगों को आपस में सामंजस्य बनाना होगा.
कांग्रेस का विकास से लेना-देना नहीं- बीजेपी
वही कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी के मंत्री भारत सिंह का कहना है कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में विकास किया नहीं, यही कारण है कि उन्हें विपक्ष में बैठना पड़ रहा है. बीजेपी का हर जनप्रतिनिधि फिर चाहे वो विधायक हो, सांसद हो या मंत्री ग्वालियर के विकास के लिए चिंतित रहता है. यही कारण है कि समय-समय पर इस तरह की समीक्षा बैठक आयोजित की जाती हैं. हालांकि गुटबाजी को लेकर कुछ भी कहने से वो बचते नजर आए.