चंडीगढ़ । डीएपी खाद संकट को लेकर कृषि मंत्री काका रणदीप सिंह ने कहा कि पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।पंजाब को दूसरे राज्यों के मुकाबले कम खाद मिली है।डीएपी खाद की किल्लत केवल पंजाब में हीं नहीं दूसरों राज्यों में भी है।केंद्र की तरफ से 2.56 लाख मीट्रिक टन की सप्लाई हुई है।उन्हें कुल 5.50 लाख मीट्रिक टन डी.ए.पी. खाद की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पंजाब में डी.ए.पी. खाद का संकट जल्द ही खत्म होगा।
नाभा ने डीएपी खाद की सप्लाई में लापरवाही दिखने वाले अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। नाभा ने बताया कि जिला पटियाला के कृषि अधिकारी (ए.ओ.) और ब्लॉक अधिकारी (बी.ओ.) के विरुद्ध ड्यूटी में कौताही बरतने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई आरंभ की गई है। उन्होंने कहा कि डीलर या विभाग का कोई भी अधिकारी ड्यूटी में किसी भी तरह की लापरवाही करेगा या किसानों को खाद की सप्लाई के साथ कोई हेर-फेर करेगा,तब विभाग की तरफ से बनती सख्त कार्रवाई की जाएगी। नाभा ने बताया कि कृषि विभाग में बुरे तत्वों के विरुद्ध पहले ही सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे, जिसके निष्कर्ष स्वरूप कुछ जिलों में केस भी दर्ज करवाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत फाजिल्का जिले के जलालाबाद ब्लॉक में खाद का अनधिकृत स्टॉक भी सामने आया है, जिस पर कार्रवाई की जा रही है।
नाभा ने बताया कि पंजाब भर में रबी की फसलों की अक्तूबर से शुरू होती बिजाई के लिए 5.50 लाख मीट्रिक टन डी.ए.पी. खाद की जरूरत है। इस खाद की महीना बार अलॉटमैंट भी भारत सरकार की तरफ से की जाती है जिसके अंतर्गत यह खाद राज्य में रेलवे के द्वारा पहुंचती है। उन्होंने बताया कि पंजाब की अक्तूबर महीने की डी.ए.पी. 2 लाख टन की मांग के विरुद्ध सिर्फ 1.51 लाख टन डी.ए.पी. राज्य को सप्लाई की गई और इसकी पहुंच भी बहुत ही सुस्त रफ्तार के साथ हुई और इसी तरह 13 नवम्बर तक 2.56 लाख टन के विरुद्ध केवल 74,000 मीट्रिक टन खाद ही प्राप्त हुई है।
भारत की प्राण शक्ति बहुत से लोगों को दिखाई नहीं देती: आरएसएस प्रमुख
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