लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को बिना नाम लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि शिक्षा अधूरी हो, संस्कारहीन हो, शिष्टाचार विहीन हो तो आप यह उम्मीद नहीं कर सकते कि व्यक्ति राष्ट्र नायक और राष्ट्रद्रोही के बीच कोई अंतर महसूस करता है.
मुख्यमंत्री ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग से बेसिक शिक्षा परिषद (पहली से आठवीं तक की कक्षाओं) के एक करोड़ 80 लाख छात्र-छात्राओं को स्कूल ड्रेस, स्वेटर, जूता-मोजा, बैग खरीदने के लिए अभिभावकों के खातों में 1100 रुपये प्रति छात्र की दर से ऑनलाइन धनराशि अंतरित करने की प्रक्रिया प्रारंभ करने के बाद कहा, ‘यदि शिक्षा अधूरी हो, संस्कारहीन हो, शिष्टाचार विहीन हो तो आप यह उम्मीद नहीं कर सकते कि व्यक्ति राष्ट्र नायक और राष्ट्रद्रोही के बीच कोई अंतर महसूस करता है. आज अगर इस प्रकार की स्थिति पैदा होती है तो उसका कारण अभिभावक द्वारा शिक्षा के प्रति पाल्य के प्रति रूचि न लेने का भी एक कारण हो सकता है.’
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में संस्कारप्रद शिक्षा देने पर जोर देते हुए योगी ने कहा, ‘अक्सर यह भटकाव तभी शुरू होता है जब व्यक्ति को मालूम नहीं होता कि कौन देश का मित्र है और कौन देश का शत्रु है. जब हम एक ही तराजू में राष्ट्रनायक और राष्ट्रद्रोही को तौलने लगते हैं तो स्वाभाविक रूप से वह व्यक्ति की योग्यता पर ही प्रश्न चिह्न खड़ा कर देता है.’
शिक्षा क्षेत्र की उपलब्धियां गिनाईं
बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों की चर्चा करते हुए योगी ने कहा, ‘आज बेसिक शिक्षा परिषद के बारे में नजरिया बदला है. जुलाई 2017 में जब स्कूल चलो अभियान चलाया तो परिषदीय स्कूलों में एक करोड़ 30 लाख बच्चे थे लेकिन तीन वर्ष में 50 लाख बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई. आज बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय अलग तरह से दिखते हैं, उनका रंग रोगन, अलग साज सज्जा और पढ़ रहे बच्चों की यूनिफार्म से पहचान दिखती है.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सरकार ने तय किया कि बैग, किताब और ड्रेस खरीदने के लिए अब सीधे बच्चों के अभिभावकों के खाते में पैसे दिए जाएंगे. इससे शिक्षा विभाग पर लगने वाले भ्रष्टाचार के आरोप से बचा जा सकता है. मुझे खुशी है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने इस व्यवस्था को आगे बढ़ाया.’ कार्यक्रम को बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश द्विवेदी ने संबोधित किया और विभागीय योजनाओं पर प्रकाश डाला.
अखिलेश ने ये दिया था बयान
सपा प्रमुख ने 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर हरदोई की एक जनसभा में कहा था, ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और (मोहम्मद अली) जिन्ना ने एक ही संस्थान से पढ़ाई की और बैरिस्टर बने और उन्होंने आजादी दिलाई. वे आजादी के लिए किसी भी तरीके से संघर्ष से पीछे नहीं हटे.’