दिवाली या दीपावली दुनिया भर में हिंदुओं द्वारा मनाए जाने वाले सबसे बड़े शुभ त्योहारों में से एक है. दिवाली का त्योहार शांति खुशी का प्रतीक है, दिवाली बुराई पर अच्छाई की जीत के सन्दर्भ में मनाई जाती है.
दिवाली सबसे प्रतीकात्मक हिंदू त्योहारों में से एक है, देश के सभी समुदाय इसे बहुत धूमधाम से मनाते हैं. इस त्योहार के दौरान, लोग अपने घरों को साफ करते हैं, हर कोने को रोशनी, दीयों, फूलों, रंगोली मोमबत्तियों से सजाते हैं. परिवार भी लक्ष्मी पूजा करते हैं धन की देवी से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें स्वास्थ्य, धन समृद्धि का आशीर्वाद मिले.
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, अयोध्या के राजकुमार, भगवान राम, दीवाली के शुभ अवसर पर अपनी पत्नी माता सीता भाई लक्ष्मण के साथ घर लौटे थे. वे 14 साल वनवास में बिताने लंका के राजा रावण को हराने के बाद अयोध्या वापस आए थे. इस दिन अयोध्या के लोगों ने दीपों दीयों की कतारें जलाकर राम की वापसी का जश्न बड़े उत्साह के साथ मनाया था. यह परंपरा आज तक जारी है इसे दिवाली के त्योहार के रूप में मनाया जाता है.
दिवाली की मान्यता
दिवाली रोशनी का त्योहार है जो बुराई पर अच्छाई की जीत हमारे जीवन से अंधेरे छाया, नकारात्मकता शंकाओं के उन्मूलन का प्रतीक है. यह समृद्धि का उत्सव है जिसमें लोग अपने प्रियजनों को उपहार देते हैं. यह त्यौहार स्पष्टता सकारात्मकता के साथ हमारे भीतर के स्वयं को प्रकाशित करने का संदेश भी भेजता है.
दिवाली 2021: समय सारणी, मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा दिवाली समारोह के सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है. लोग इस दिन धन की देवी से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं स्वास्थ्य, धन समृद्धि की कामना करते हैं. पंचांग के अनुसार लक्ष्मी पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम 6:09 बजे शुरू होगा रात 8:04 बजे समाप्त होगा. अवधि 1 घंटा 56 मिनट की होगी. दिवाली पर अमावस्या तिथि 4 नवंबर, 2021 को सुबह 6:03 बजे शुरू होगी 5 नवंबर, 2021 को सुबह 2:44 बजे समाप्त होगी.