भोपाल। सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा जारी आदेशों के पालन में मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दीपावली के दौरान पटाखों के निर्माण, उपयोग, विक्रय, वितरण एवं प्रस्फोटन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। प्रदूषण से बचने के लिये ग्रीन पटाखों का प्रयोग होगा। पटाखों की अमेजॉन ऑनलाइन, फ्लिपकार्ट आदि से ऑनलाइन सेल प्रतिबंधित है।सदस्य सचिव मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ए. मिश्रा ने बताया कि ग्रीन पटाखों के लिये पेट्रोलियम एण्ड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (PESO) और नीरी द्वारा स्वैच्छिक वर्गीकरण किया गया है। ग्रीन पटाखों का लोगो पैकेट पर प्रिंट रहेगा। ग्रीन पटाखों में फुलझड़ी, अनार, मेरून शामिल हैं। पटाखों में बेरियम साल्ट आदि विषैले रसायनों का उपयोग, लड़ी (जुड़े हुए पटाखों) का निर्माण, उपयोग, विक्रय, वितरण और प्रस्फोटन प्रतिबंधित है। पंजीकृत निर्माताओं की सूची नीरी की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
आवाज़ 125 डीबी(A) से कम हो
पटाखों की तीव्रता प्रस्फोटन स्थल से 4 मीटर पर 125 डीबी(A) से अधिक नहीं होनी चाहिए, वहीं संवेदनशील क्षेत्रों जैसे अस्पताल, नर्सिंग होम, हेल्थ केयर सेंटर, शैक्षणिक संस्थान, धार्मिक स्थलों से 100 मीटर तक प्रतिबंधित है।
रात्रि 8 से 10 बजे के बीच चलाये जा सकेंगे ग्रीन पटाखे
दीपावली पर्व के समय रात 8 से 10 बजे तक ग्रीन पटाखों का उपयोग सिर्फ उन शहरों में किया जा सकेगा, जहाँ नवम्बर 2020 की स्थिति में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) मध्यम या उससे कम श्रेणी का है। Poor and Above Category वाले शहरों में ग्वालियर (AQI-248) और सिंगरौली (AQI-211) में पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। नवम्बर 2020 में 21 शहरों का AQI(101-200) मध्यम रहा, जिनमें भोपाल, कटनी, हरदा, धार, रतलाम, रायसेन, इंदौर, नीमच, उज्जैन, सागर, जबलपुर, होशंगाबाद, भिंड, मुरैना, श्योपुर, दमोह, अनूपपुर, देवास, बुरहानपुर, बड़वानी और अलीराजपुर शामिल है।
29 जिलों का संतोषजनक है AQI(51-100)
नवम्बर 2020 के वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार 29 जिले संतोषजनक श्रेणी में हैं। ये जिले विदिशा, खरगोन, सीहोर, छतरपुर, खंडवा, शिवपुरी, रीवा, सीधी, राजगढ़, बैतूल, सतना, पन्ना, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, शाजापुर, बालाघाट, निवाड़ी, गुना, झाबुआ, नरसिंहपुर, दतिया, मंडला, सिवनी, अशोकनगर, शहडोल, डिंडौरी, उमरिया, मंदसौर और आगर हैं।
उचित स्थान पर ही फेकें पटाखों का कचरा
पटाखों के जलने के बाद बचे हुए कागज़ के टुकड़े और अधजली बारूद के संपर्क में आने से पशुओं और बच्चों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना बनी रहती है। अत: जलने के उपरांत कचरे को ऐसे स्थानों पर न फेंका जाए जहाँ प्राकृतिक जल स्त्रोत या पेयजल स्त्रोत हैं। पृथक् स्थान पर ऐसे कचरे को इकट्ठा कर नगर निगम के कर्मचारियों को सौंपे।
निर्माण एवं विक्रय की जाँच के लिए प्रयोगशालाएँ
मानकों के अनुरूप पटाखों के निर्माण एवं विक्रय की जाँच के लिये नमूने एकत्रित कर इनका विश्लेषण PESO या मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की प्रयोगशालाओं में करवाया जा सकता है। ये प्रयोगशालाएँ हैं – क्षेत्रीय कार्यालय/क्षेत्रीय प्रयोगशाला ई-5 पर्यावरण परिसर अरेरा कॉलोनी भोपाल, 17 भरतपुरी उज्जैन, दीनदयाल नगर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी ग्वालियर, स्कीम नम्बर-5 विजयपुर जबलपुर, स्कीम नम्बर-78 अरण्या इंदौर, एचआईजी 190-191 नेहरू नगर रीवा, दीनदयाल नगर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सागर, मकान नम्बर-318 धवारी सतना, ओल्ड बस स्टैण्ड के पास शहडोल, एचआईजी-4 हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी झिझरी, मेहता कॉलोनी परासिया छिंदवाड़ा, एसईजे़ड पीथमपुर, एमआईजी 744 विकास नगर देवास, प्लॉट नम्बर-28 सी-सेक्टर मंडीदीप, गेल कॉम्प्लेक्स गुना और भकुआर नौगढ़ सिंगरौली हैं।
प्रदूषकों का होगा विश्लेषण
केन्द्रीय एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दीपावली के पूर्व और दीपावली के 7 दिन बाद तक परिवेशीय वायु की मॉनिटरिंग की जाएगी। इसमें नियमित पैरामीटर के साथ प्रदूषकों जैसे- एल्यूमीनियम, बेरियम, आयरन का विश्लेषण मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सभी प्रयोगशालाओं द्वारा किया जाएगा।