भोपाल : उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विभाग द्वारा 12वीं में अध्ययनरत स्कूली बच्चों की मेपिंग की जायेगी। इससे यह स्पष्ट जानकारी उपलब्ध होगी कि 12वीं के बाद कितने बच्चे कॉलेज में प्रवेश ले रहे हैं और कितनी संख्या में स्कूल ड्रापआउट हैं। डॉ. यादव शुक्रवार को मंत्रालय में विभागीय समीक्षा कर रहे थे।
मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी 52 शासकीय अग्रणी महाविद्यालयों को आदर्श महाविद्यालय के रूप में विकसित किए जाने का निर्णय लिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में बहु-विषयक एवं व्यावसायिक शिक्षा, इंटर्नशिप और शोध आदि के व्यापक दृष्टिकोण के साथ विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिये यह निर्णय लिया गया है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक एवं अग्रणी प्राचार्यों के सुझावों के आधार पर सभी को-एड महाविद्यालयों को आदर्श महाविद्यालय में विकसित किया जायेगा। इसमें व्यावसायिक शिक्षा के लिये स्किल लैब, वर्चुअल कक्षाओं का सीधा प्रसारण जिले के अन्य महाविद्यालयों से संबद्ध हो, ऐसी व्यवस्था होगी। आदर्श महाविद्यालय में स्मार्ट क्लास-रूम के माध्यम से अध्यापन व्यवस्था, ई-लाइब्रेरी, 100 प्रतिशत वाईफाई केम्पस, सोलर संयंत्र युक्त ग्रीन केम्पस, सीसी टीवी युक्त परिसर आदि की भी व्यवस्था होगी। डॉ. यादव ने बताया कि इन महाविद्यालयों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशालाएँ, पुस्तकालयों में पर्याप्त आधुनिक संसाधन एवं अध्ययन कक्ष में कम से कम 12 से 14 घंटे की अध्ययन व्यवस्था रहेगी। इसके अतिरिक्त इनमें उन्नत भाषा प्रयोगशाला (लेंग्वेज लेब) की भी व्यवस्था होगी।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने बताया कि आदर्श महाविद्यालयों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में जिलेवार विशेषताओं के आधार पर व्यावसायिक शिक्षा के लिये प्रशिक्षण केन्द्र विकसित करना भी है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का संस्थाओं में क्रियान्वयन एवं पाठ्य-सामग्री तैयार करने के संबंध में कहा कि द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के पाठ्यक्रमों के लिये प्राचीन ज्ञान परम्परा से संबंधित पुस्तकें मंगवायी जाएँ। साथ ही विशेषज्ञों से चर्चा कर ई-कंटेंट तैयार करने की कार्यवाही करें। इसके लिये अन्य राज्यों से भी विशेषज्ञों की मदद लें। मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय में हिन्दी में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग विषयों के पाठ्यक्रमों को तैयार करने के लिये निजी विश्वविद्यालयों का सहयोग लें।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग में कोविड के दौरान हुई मृत्यु के 35 प्रकरणों में से 33 प्रकरणों का निपटारा कर अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है। इसके अतिरिक्त 5 अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्थानों के प्रकरणों पर भी अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है। उन्होंने कहा कि यद्यपि इन पदों को डाइंग कैडर माना गया है, परंतु विशेष प्रकरण के तहत कोविड से मृत हुए कर्मचारियों के परिजन को अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने का निर्णय लिया गया है।