परिवार की 4 पीढ़ियों पर भारी सोनिया गांधी के 21 साल

नई दिल्ली । कांग्रेस भले ही इन दिनों राज्यों में उठापटक और नेतृत्व के संकट से जूझ रही है, लेकिन इस बीच अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की मुखिया के तौर पर रिकॉर्ड बना दिया है। सोनिया गांधी अब तक करीब 21 साल कांग्रेस की अध्यक्ष रह चुकी हैं और यह गांधी-नेहरू परिवार के अन्य सभी सदस्यों के कार्यकाल को जोड़ लें तो उससे भी ज्यादा है। जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और राहुल गांधी मिलकर भी करीब 21 साल ही पार्टी अध्यक्ष रहे हैं। इस तरह सोनिया गांधी कांग्रेस की सबसे ज्यादा लंबे समय तक अध्यक्ष रहने वाली नेता बन गई हैं। हालांकि इस अगस्त 2019 के बाद से वह पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर कामकाज देख रही हैं। आम चुनावों के बाद राहुल गांधी की ओर से इस्तीफा दिए जाने के बाद सोनिया ने पार्टी की कमान संभाली थी। 2014 के आम चुनावों के बाद 2019 में भी मात खाने पर कांग्रेस में अंतर्कलह मची हुई है। हार के तत्काल बाद सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर कमान संभाली थी और अगले एक साल तक और वह पद पर रहने वाली हैं। बता दें कि हाल ही में हुई कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में अगले साल 30 सितंबर तक नए अध्यक्ष के चुनाव का फैसला लिया गया है और तब तक सोनिया ही कमान संभालेंगी। भारत की आजादी से पहले और उसके बाद भी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे जवाहर लाल नेहरू पहली बार 1929 में कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे। इसके बाद 1930 में भी वह प्रेसिडेंट रहे और फिर 1936-37 और 1951 से 1954 के दौरान भी पार्टी के अध्यक्ष रहे। इस तरह वह कुल 8 सालों तक पार्टी के अध्यक्ष थे। उनकी बेटी और पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की बात करें तो उन्हें पहली बार 1959 में पार्टी की अध्यक्ष बनने का मौका मिला था। इसके बाद वह फिर 1978 से 1984 तक पार्टी प्रमुख थीं। इस तरह उनके अध्यक्ष कार्यकाल के कुल 7 वर्ष थे। उनके बेटे राजीव गांधी भी 1985 में राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे और एक आतंकी हमले में 6 साल बाद उनकी मौत हो गई थी। उनके बाद नरसिम्हा राव और सीताराम केसरी जैसे नेताओं के हाथ में पार्टी की कमान थी, तब सोनिया गांधी नेतृत्व से हिचक रही थीं। लेकिन कांग्रेसियों की मांग पर उन्होंने मार्च 1998 में पदभार संभाला था। इसके बाद वह सबसे लंबे समय तक कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं और 2017 में राहुल गांधी की ताजपोशी की गई। लेकिन वह दो साल ही अध्यक्ष रहे और 2019 में पार्टी की करारी हार के बाद पद छोड़ दिया। इस पर सोनिया गांधी को एक बार फिर हॉट सीट पर लौटना पड़ा।

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